गेस्ट हाऊस कांड केस वापस लेने की खबर पर मायावती ने दिया बड़ा बयान
उत्तर प्रदेश की सियासत के सबसे चर्चित गेस्ट हाउस कांड ने एक बार फिर राज्य की सरगर्मी बढ़ा दी है. प्रदेश में फिर से गेस्ट हाउस कांड का नाम गूंज रहा है.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश की सियासत के सबसे चर्चित गेस्ट हाउस कांड ने एक बार फिर राज्य की सरगर्मी बढ़ा दी है. प्रदेश में फिर से गेस्ट हाउस कांड का नाम गूंज रहा है. कहा जा रहा है कि गेस्ट हाउस कांड में मायावती ने अपना रुख नरम करते हुए मुलायम सिंह यादव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा वापस लेने का शपथ पत्र दायर किया है. खबरों में दावा किया जा रहा था कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन टूटने के करीब 6 महीने बाद मायावती की ओर से यह चौंकाने वाला कदम उठाया गया है. हालांकि मायावती ने ट्वीट कर स्थिति साफ कर दी है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि दिनांक 2 जून 1995 का लखनऊ गेस्ट हाऊस केस बी.एस.पी. व सपा गठबन्धन के उपरान्त तथा लोकसभा आमचुनाव के दौरान ही सपा के विशेष आग्रह पर दिनांक 26.02.2019 को मा. सुप्रीम कोर्ट से वापस लिया गया था न की अभी, जैसाकि कुछ मीडिया में प्रचारित किया जा रहा है।
दिनांक 2 जून 1995 का लखनऊ गेस्ट हाऊस केस बी.एस.पी. व सपा गठबन्धन के उपरान्त तथा लोकसभा आमचुनाव के दौरान ही सपा के विशेष आग्रह पर दिनांक 26.02.2019 को मा. सुप्रीम कोर्ट से वापस लिया गया था न की अभी, जैसाकि कुछ मीडिया में प्रचारित किया जा रहा है।
— Mayawati (@Mayawati) November 8, 2019
बता दें लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में बने सपा-बसपा गठबंधन के दौरान ही इसकी पटकथा लिखी गई थी. गेस्ट हाउस कांड ने दोनों के बीच गहरी खाई खोद दी थी. लेकिन 25 साल बाद सियासत के गड्ढे को पाटकर उस पर मुलायम सिंह यादव और मायावती ने एक साथ मंच साझा किया था. सियासी मंच पर मायावती ने कहा था कि वो गेस्ट हाउस कांड को भुलाने और माफ करने के लिए तैयार हैं.
यह भी पढ़ेंः AyodhyaVerdict: राम मंदिर ऐसे बन गया बीजेपी का ट्रंप कार्ड, आडवाणी की रथयात्रा से विवादित ढांचा गिरने तक की कहानी
सूत्रों के अनुसार, सपा-बसपा गठबंधन के दौरान दोनों पक्षों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में गेस्ट हाउस केस वापस करने की अर्जी दे दी गई थी, जिस पर दो डेट भी पड़ चुकी है. सूत्रों का कहना है कि सपा-बसपा जब एक साथ आए थे, तभी अखिलेश यादव ने मायावती से गेस्ट हाउस केस में मुलायम सिंह के खिलाफ केस वापस लेने का आग्रह किया था. जिसके बाद फरवरी में सुप्रीम कोर्ट में केस वापस लेने का अर्जी दी गई थी, जिसे गोपनीय रखा गया था.
यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान ने जैन मंदिर चौक का नाम बदलकर रख दिया बाबरी मस्जिद चौक
बता दें कि बता दें कि साल 1993 में सपा-बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था और राज्य में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनाई गई. लेकिन दो साल के बाद इस गठबंधन में दरार पड़ गई थी. 2 जून 1995 को लखनऊ के मीरा रोड स्थित गेस्ट हाउस मायावती ने विधायकों की एक बैठक बुलाई थी. जब इस बैठक के बारे में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को पता चला तो उनकी पार्टी के विधायकों और नेताओं ने सैकड़ों समर्थकों के साथ गेस्ट हाउस पर हमला बोल दिया था.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Shah Rukh Khan Son: बेटे अबराम के साथ KKR को सपोर्ट करने पहुंचे शाहरुख, मैच से तस्वीरें वायरल
-
Rashmi Desai Fat-Shamed: फैट-शेमिंग करने वाले ट्रोलर्स को रश्मि देसाई ने दिया करारा जवाब, कही ये बातें
-
Sonam Kapoor Postpartum Weight Gain: प्रेगनेंसी के बाद सोनम कपूर का बढ़ गया 32 किलो वजन, फिट होने के लिए की इतनी मेहनत
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी