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JNU हिंसा पर मायावती ने केंद्र सरकार से की न्यायिक जांच की मांग, कहा...

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में रविवार शाम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र नेताओं और वामपंथी छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प में जेएनयूएसयू की अध्यक्ष ऐशे घोष सहित कई अन्य विद्यार्थी बुरी तरह से घायल हो गए.

Updated on: 06 Jan 2020, 10:53 AM

लखनऊ:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में रविवार शाम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र नेताओं और वामपंथी छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प में जेएनयूएसयू की अध्यक्ष ऐशे घोष सहित कई अन्य विद्यार्थी बुरी तरह से घायल हो गए. खबरों के अनुसार, लोहे की रोड से उसकी आंख पर हमला किया गया. प्राथमिक उपचार के लिए उसे पास के अस्पताल ले जाया गया है. एम्स ट्रॉमा में एक प्रोफेसर समेत 20 मरीज़ भर्ती किए गए हैं जबकि 3 छात्रों को सफदरजंग इमरजेंसी में भर्ती किया गया है. इनमें से 11 घायल छात्र एबीवीपी के हैं.

महासचिव सतीश चंद्र भी इस दौरान घायल हो गए और कथित तौर पर कुछ शिक्षकों पर भी हमला किया गया. घटनास्थल से मिली खबरों के अनुसार, मुनिरका इलाके से बाहरी लोगों की भीड़, लाठियों डंडों के साथ कैंपस में दाखिल हुई थी. बदमाश अब कथित तौर पर फरार हो गए. वहीं पूरे मामले पर गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से बात की और मामले की पूरी जानकारी ली साथ ही उन्होंने जॉइंट सीपी स्तर के अधिकारी से मामले की जांच करा कर रिपोर्ट देने को कहा है.

इस मामले को लेकर राजनीति शुरु हो गई है. विपक्षी दल इस मामले में एबीवीपी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इस मामले में बसपा सुप्रीमो ने न्यायिक जांच की मांग की है. उन्होंने ट्वीट करके लिखा 'JNU में छात्रों व शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निन्दनीय व शर्मनाक. केन्द्र सरकार को इस घटना को अति-गम्भीरता से लेना चाहिये. साथ ही इस घटना की न्यायिक जाँच हो जाये तो यह बेहतर होगा.'