मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा, 'सत्ता परिवर्तन का सही लाभ प्रदेश की आमजनता को नहीं मिल रहा है, क्योंकि प्रदेश में किसी भी प्रकार के अपराध में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि इसके विपरीत जातिवादी हिंसा व राजनीतिक विद्वेष की घटनाएं बढ़ गई हैं।'
उन्होंने कहा कि भाजपा का बेस वोट बैंक व्यापारी वर्ग के लोगों की दिन-दहाड़े लूट व हत्याओं से प्रदेश दहल गया है, जिसके विरोध में व्यापारी वर्ग 'बंद' का भी आयोजन कर रहे हैं। सहारनपुर व मथुरा सहित कई घटनाओं ने योगी सरकार के दावों की धज्जियां उड़ा दी हैं।
बसपा प्रमुख ने कहा, 'बिजली आपूर्ति की समस्या को लेकर आए दिन हिंसा व पुलिस लाठीचार्ज की घटनाएं आम होती जा रही हैं। इसके बावजूद सरकार विधानसभा में कहती है कि अपराधी जिस भाषा में समझेंगे, उसी भाषा में समझाएंगे। इससे क्या स्पष्ट नहीं है कि भाजपा सरकार को पता ही नहीं है कि अपराधियों को समझाने के लिए केवल एक ही सरकारी भाषा की जरूरत होती है और वह होती है कानून की भाषा।'
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उन्होंने कहा कि इसके लिए आश्वासनों व भाषणों की नहीं, बल्कि दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। यह सरकार अब तक दृढ़ इच्छाशक्ति नहीं दिखा पा रही है।
मायावती ने कहा, 'योगी सरकार में पुलिस अधिकारी तक पीटे जा रहे हैं। यह प्रदेश में 'परिवर्तन' लाने का वायदा करने वाली भाजपा सरकार के लिए चिंता की बात है। प्रदेश में जो सांप्रदायिक, जातिवादी व अन्य आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, उनमें से ज्यादातर भाजपा एंड कंपनी का ही षड्यंत्र नजर आता है।'
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Source : IANS