UP News: श्री बांके बिहारी मंदिर न्यास के गठन का रास्ता साफ, श्रद्धालुओं को मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं

उत्तर प्रदेश में वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर के लिए न्यास गठन को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इसके लिए एक अध्यादेश जारी किया गया है.

उत्तर प्रदेश में वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर के लिए न्यास गठन को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इसके लिए एक अध्यादेश जारी किया गया है.

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Yashodhan.Sharma
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CM Yogi Adityanath on banke bihari

CM Yogi adityanath Photograph: (Social)

Banke Bihari: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम अध्यादेश जारी करते हुए वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर के लिए न्यास गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस अध्यादेश के तहत मंदिर से जुड़ी सभी चल-अचल संपत्तियों, चढ़ावे, दान और अन्य आय का प्रबंधन अब नए ट्रस्ट के हाथों में होगा.

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अध्यादेश के अनुसार, मंदिर परिसर, उसकी सीमा में मौजूद जमीन-जायदाद, मूर्तियां, धार्मिक आयोजन के लिए मिली संपत्ति, नकद या वस्तु रूप में अर्पित चढ़ावा सभी पर न्यास का अधिकार होगा. डाक, बैंक ड्राफ्ट, चेक, ऑनलाइन दान, हुंडी की राशि, आभूषण, अनुदान और योगदान भी न्यास के अंतर्गत आएंगे.

सरकार का कहना है कि यह कदम स्वामी हरिदास की परंपरा को संरक्षित करने के लिए उठाया गया है. उनके समय से चली आ रही सभी धार्मिक रस्में, त्योहार और अनुष्ठान बिना किसी बदलाव के जारी रहेंगे. भगवान बांके बिहारी के दर्शन का समय, पुजारियों की नियुक्ति, वेतन और भत्ते तय करने के साथ-साथ सुरक्षा, प्रशासन और प्रबंधन की जिम्मेदारी भी न्यास संभालेगा.

श्रद्धालुओं के लिए नई व्यवस्थाएं

न्यास के गठन के बाद श्रद्धालुओं को सुविधाजनक और आधुनिक अनुभव देने के लिए कई योजनाएं लागू होंगी. मंदिर परिसर और आसपास प्रसाद वितरण केंद्र, वरिष्ठ नागरिकों व दिव्यांगों के लिए अलग दर्शन मार्ग, साफ पेयजल, आरामदायक बेंच, कतार प्रबंधन के लिए कियोस्क, गौशालाएं, अन्नक्षेत्र, रसोईघर, होटल, सराय, प्रदर्शनी कक्ष, भोजनालय और प्रतीक्षालय जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी.

न्यास की संरचना

न्यास में कुल 18 सदस्य होंगे, जिनमें 11 मनोनीत और 7 पदेन सदस्य शामिल होंगे. वैष्णव परंपरा से 3 सदस्य साधु-संत, महंत या विद्वान होंगे, जबकि सनातन धर्म की परंपरा से भी 3 सदस्य लिए जाएंगे. सनातन धर्म की विभिन्न शाखाओं से 3 सदस्य शिक्षाविद, समाजसेवी या प्रतिष्ठित व्यक्ति हो सकते हैं. गोस्वामी परंपरा से स्वामी हरिदास के वंशज के 2 सदस्य होंगे, यानी कि एक राज-भोग सेवादारों का और दूसरा शयन-भोग सेवादारों का प्रतिनिधित्व करेगा.

बैठक और आर्थिक अधिकार

न्यास की बैठक हर तीन महीने में होगी और तारीख से कम से कम 15 दिन पहले नोटिस भेजा जाएगा. आर्थिक मामलों में ट्रस्ट को 20 लाख रुपये तक की संपत्ति खरीदने का अधिकार होगा, इससे अधिक राशि के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी होगी. न्यास का संचालन एडीएम स्तर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) द्वारा किया जाएगा. 

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