गोरखनाथ मंदिर को मकर संक्रांति पर ये बात खास बना देती है

'मकर संक्रान्ति' के अवसर पर गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में आयोजित होने वाली परम्परागत खिचड़ी मेला आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए तैयार है.

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Yogendra Mishra
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गोरखनाथ मंदिर।( Photo Credit : फाइल फोटो)

'मकर संक्रान्ति' के अवसर पर गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में आयोजित होने वाली परम्परागत खिचड़ी मेला आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए तैयार है. खिचड़ी के मौके पर बाबा गोरखनाथ को पवित्र खिचड़ी चढ़ाने के लिए श्रद्धालुजनों की सुविधा एवं सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जा रहा है.

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गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के मुताबिक धनु राशि से मकर राशि में संक्रमण ही 'मकर संक्रान्ति' कहलाता है. योगी कमलनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि मंदिर में पॉलीथीन का इस्तेमाल न किया जाए. पवित्र खिचड़ी चढ़ाने के लिए पॉलिथीन न लाएं. माना जा रहा है कि पड़ोसी देश नेपाल से भी बहुत से श्रद्धालु मंदिर आएंगे. लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुजनों की सुरक्षा और सुविधा का विशेष ध्यान रखते हुए गोरखनाथ मंदिर प्रशासन ने पूरी तैयारी की है.

त्रेता युग से चढ़ रही है खिचड़ी

मकर संक्रांति पर बाबा गोरखनाथ के दरबार में खिचड़ी चढ़ाने की पुरानी परंपरा है. परंपरा त्रेता युग से जुड़ी हुई है. इस परंपरा का आज भी आस्था के साथ निर्वाह किया जाता है. मान्यता है कि गुरु गोरखनाथ भिक्षा मांगते हुए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के ज्वाला देवी मंदिर पहुंच गए थे. सिद्ध योगी को देख कर ज्वाला देवी प्रकट हुई और उन्हें भोजन के लिए आमंत्रित किया. देवी ने तरह-तरह के व्यंजन तैयार किए. लेकिन उन्होंने कहा कि वह सिर्फ भिक्षा में मिला भोजन ही खाएंगे. देवी ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए कहा कि वह उनके लिए भिक्षा में मिले अनाज से भोजन तैयार करेंगी.

देवी ने भोजन बनाने के लिए बर्तन चढ़ाया और वह वहां से गोरखपुर चले आए. यहां उन्होंने साधना शुरु कर दी. इसी दौरान जब खिचड़ी का त्यौहार आया तो लोगों ने उनके भिक्षा पात्र में अनाज डालना शुरु कर दिया. काफी अनाज डालने के बाद भी जब भिक्षा पात्र नहीं भरा तो लोगों ने इसे चमत्कार माना. तभी से गुरु गोरखनाथ की तपोस्थली पर खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा है. उधर ज्वाला देवी मंदिर में बाबा गोरखनाथ के इंतजार में पानी खौल रहा है.

Source : News Nation Bureau

khichdi Makar Sankranti 2020 Gorakhnath Temple
      
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