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होमगार्ड विभाग घोटाले में बड़ी कार्रवाई, योगी सरकार ने डीजी जीएल मीणा को हटाया

गौतमबुद्ध नगर में होमगार्डों की कथित तौर पर फर्जी हाजिरी लगाकर सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है.

Updated on: 03 Dec 2019, 04:44 PM

लखनऊ:

गौतमबुद्ध नगर में होमगार्डों की कथित तौर पर फर्जी हाजिरी लगाकर सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए होमगार्ड विभाग के डीजी गोपाल लाल मीणा को हटा दिया है. उनकी जगह डीजी जेल आनंद कुमार को होमगार्ड डीजी का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार के गृह सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. 

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दरअसल, फर्जी मस्टररोल तैयार करके होम गार्डों के वेतन के करोड़ों रुपए डकारने का मामला सुर्खियों में आया था. जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की. जुलाई 2019 में एक प्लाटून कमांडर ने इस मामले में गौतम बुध नगर के एसएसपी वैभव कृष्ण से शिकायत की थी. इसके बाद जिले स्तर पर सैंपल के लिए 7 थानों में दो महीने (मई व जून) के दौरान लगाई गई होमगार्डों की ड्यूटी की जांच कराई गई. इसमें करीब 8 लाख रुपये का घपला सामने आया. 

होमगार्डों की ड्यूटी रोजाना लगाई जाती है. इसके लिए होमगार्ड के अधिकारी मास्टर रोल तैयार करते हैं. इसी में यह सारा खेल किया गया. अगर किसी थाने या ऑफिस में पांच होमगार्डों की जरूरत है, तो मास्टर रोल पर पांच के बजाय 10 या 12 होमगार्ड को ड्यूटी पर दिखाया जाता था. इसके लिए संबंधित थाने व दफ्तर की फर्जी मुहर इस्तेमाल की जाती थी. इसके एवज में उन होमगार्डों को भी कुछ पैसे मिलते थे, जिनका फर्जी मास्टर रोल पर नाम होता था.

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यह घोटाला नोएडा में वर्ष 2014 से चल रहा था. गौतमबुद्ध नगर के 21 थानों में फर्जी तैनाती दिखाकर सालाना करीब 50 लाख रुपए की रकम होमगार्ड विभाग के अधिकारियों ने ऐंठी. इसके अलावा अन्य विभागों में भी तैनात होमगार्ड की फर्जी वेतन निकासी रकम 50 लाख से अधिक रही है. इस मामले में होमगार्ड विभाग के कई अधिकारियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. इस घोटाले में मंडलीय कमांडेंट राम नारायण चौरसिया, सहायक जिला कमांडेंट सतीश चंद, अवैतनिक प्लाटून कमांडर सतवीर यादव, शैलेंद्र कुमार और मिंटू कुमार को गिरफ्तार किया गया था. राम नारायण की 13 सितंबर को यहां पर ही तैनाती हुई थी.

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