Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ शुरू होने वाला है. इसके लिए सरकार ने तीर्थयात्रियों की संख्या पर नजर रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सक्षम कैमरों, रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) रिस्टबैंड और मोबाइल ऐप ट्रैकिंग का उपयोग करने की योजना बनाई है.
सरकार उम्मीद जता रही है कि इस धार्मिक उत्सव में करीब 450 मिलियन श्रद्धालुओं का आगमन होगा. यूनेस्को ने इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी है, जिसमें तीर्थयात्रियों का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण समूह पवित्र नदी में डुबकी लगाता है.
इसलिए AI का हो रहा इस्तेमाल
बता दें कि 45 दिनों तक यानी कि 26 फरवरी, 2025 तक इस महाकुंभ का 12 साल बाद प्रयागराज में आयोजन हो रहा है. इसकी तैयारियों पर यूपी के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि आयोजन में आने वाले लोगों की संख्या की गणना के लिए तीन तकनीकी तरीकों का इस्तेमाल किया जाएगा. सुरेश खन्ना ने बताया, 'पहली तरीका विशेषता आधारित खोज है, जहां लोगों की, कैमरों का इस्तेमाल करके निगरानी की जाएगी. दूसरी विधि में आरएफआईडी रिस्टबैंड शामिल हैं, जो तीर्थयात्रियों को प्रदान किए जाएंगे. इन रिस्टबैंड के माध्यम से, आरएफआईडी रीडर का इस्तेमाल करके प्रवेश और निकास के समय का पता लगया जाएगा.’ इसके अलावा उन्होंने कहा कि तीसरा तरीका मोबाइल ऐप ट्रैकिंग है, जिसमें तीर्थयात्रियों की सहमति से, मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके जीपीएस के माध्यम से उनके स्थान को ट्रैक किया जाएगा.
11 भाषाओं में एआई-संचालित चैटबॉट
मंत्री ने आगे बताया कि सरकार दिव्य, भव्य और डिजिटल महाकुंभ के लिए तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘तैयारियों में एक खास वेबसाइट और ऐप, 11 भाषाओं में एआई-संचालित चैटबॉट, लोगों और वाहनों के लिए क्यूआर-आधारित पास, एक बहुभाषी डिजिटल खोया-पाया केंद्र, साफ-सफाई और टेंट के लिए आईसीटी निगरानी, भूमि और सुविधा आवंटन के लिए सॉफ्टवेयर, बहुभाषी डिजिटल साइनेज (वीएमडी), एक स्वचालित राशन आपूर्ति प्रणाली, ड्रोन-आधारित निगरानी और आपदा प्रबंधन, 530 परियोजनाओं की निगरानी के लिए सॉफ्टवेयर, एक इन्वेंट्री ट्रैकिंग प्रणाली और गूगल मैप पर सभी स्थानों का एकीकरण शामिल है.’’
केरल से भी चलेंगी Special Train
महाकुंभ को पूरी तरह से डिजिटल आयोजन बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार किस प्रकार प्रतिबद्ध है. इस बारे में बोलते हुए मंत्री ने एक वेबसाइट और ऐप, 11 भाषाओं में एआई-संचालित चैटबॉट, लोगों और वाहनों के लिए क्यूआर कोड-आधारित पास और आगंतुकों के लिए एक बहुभाषी डिजिटल खोया-पाया केंद्र शुरू करने की योजना के बारे में बताया. उन्होंने आगे बताया कि श्रद्धालुओं के स्नान की सुविधा के लिए महाकुंभ शहर में 35 मौजूदा स्थायी घाट और नौ नए घाट बनाए गए हैं. 12 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले सभी 44 घाटों पर हवाई पुष्प वर्षा की जाएगी.