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हस्तिनापुर के पांडव टीले पर खुदाई में मिला शकुनी का पांसा! खुलेंगे महाभारत के राज

हस्तिनापुर पौराणिक टीले की खुदाई में अभी तक मृदभांड व धातु से बने औजार ही ज्यादा मिले हैं, लेकिन हाल ही में यहां की महाभारतकालीन मिट्टी ने एक ऐसी चीज उगली है, जो कौतहूल का विषय बना हुआ है

Updated on: 20 Apr 2022, 10:43 PM

News Delhi :

उत्तर प्रदेश की महाभारतकालीन ( Mahabharata ) नगरी हस्तिनापुर ( Hastinapur ) इन दिनों काफी चर्चा का विषय बनी हुई है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह पांडव टीले का खुदाई होना है. सालों से बंद यह खुदाई दोबार शुरू हुई तो इसमें कई ऐसी चीजें निकली, जिसने लोगों को हैरान कर दिया. हालांकि पौराणिक टीले की खुदाई में अभी तक मृदभांड व धातु से बने औजार ही ज्यादा मिले हैं, लेकिन हाल ही में यहां की महाभारतकालीन मिट्टी ने एक ऐसी चीज उगली है, जो कौतहूल का विषय बना हुआ है.

खुदाई में एक पांसा मिला

दरअसल, हस्तिनापुर के पांडव टीले पर हुई खुदाई में एक पांसा मिला है. हजारों साल पुराने इस पांसे ने लोगों की उत्सुकता बढ़ा दी है. इस पांसे को लेकर लोगों के बीच चर्चा की सबसे बड़ी वजह यह भी है कि ऐसा एक पांसे दुर्योधन के मामा व गंधार नरेश शकुनी भी चौसर खेला करते थे. लोगों का तो यहां तक मानना है कि यह पांसा किसी और का नहीं, बल्कि शकुनी का ही है. हालांकि अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉक्टर डीबी गणनायक ने इन अटकलों से इनकार किया है. गणनायक का कहना है कि खुदाई में जो पांसा मिला है वो हाथी के दांत यानी IVORY से बना हुआ है. पांसे पर एक दो तीन चार आदि के निशान भी बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के पांसे सामान्य नहीं है, जरूर इनका इस्तेमाल कोई अमीर व्यक्ति ही करता होगा. हालांकि उन्होंने इस पांसे को गुप्तकालीन बताया है. जो 1500 साल पुराना हो सकता है.

हस्तिनापुर उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर से 40 किलोमीटर दूर

आपको बता दें कि हस्तिनापुर उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर से 40 किलोमीटर दूर है. यहां साल 1952 में उत्खनन कार्य शुरू हुआ था, जिसमें कई अजीबोगरीब चीज मिली हैं. हालांकि इस खुदाई कार्य को बीच में ही रोक दिया गया था. लेकिन अब इस खुदाई कार्य को फिर से शुरू किया गया है, जिसमें चौंकाने वाली चीजें निकलकर सामने आ रही हैं.