प्रयागराज महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाई. इस त्रिवेणी के पावन जल की डुबकी से कोई छूट न जाए, इसके लिए योगी सरकार ने अग्निशमन विभाग की तरफ से प्रदेश के सभी 75 जिलों में त्रिवेणी पवित्र जल पहुंचाया. अब इसी त्रिवेणी के जल की मांग विदेशों से भी आनी शुरू हो गई है. इसकी पहली खेप प्रयागराज से भेज भी दी गई है.
पवित्र गंगा जल भेजने की मांग में तेजी आई
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ के समापन के बाद प्रदेश के सभी जिलों में संगम के जल को महाप्रसाद रूप में पहुंचाने का निर्णय लिया था, जो किसी कारणवश यहां महाकुंभ में आने से वंचित रह गए. लेकिन अब देश के बाहर भी यही पवित्र गंगा जल भेजने की मांग में तेजी आई है. इसकी पहली खेप भी प्रयागराज से भेज दी गई है. प्रयागराज में नारी शक्ति महिला प्रेरणा संकुल स्तरीय समिति की तरफ से त्रिवेणी के गंगा जल की आपूर्ति की जा रही है.
1000 बोतल में त्रिवेणी का पवित्र गंगाजल
इसी क्रम में कांच की 1000 बोतल में त्रिवेणी का पवित्र गंगाजल यहां से जर्मनी भेजा गया है. श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी के माध्यम से यह जल विदेश भेजा गया है. जर्मनी से जो श्रद्धालु किसी कारण वश महाकुम्भ नहीं पहुंच सके उनके लिए यह त्रिवेणी का जल भेजा गया है.
50 हजार बोतलों में गंगाजल भेजा
प्रयागराज के जसरा क्षेत्र की नारी शक्ति महिला प्रेरणा संकुल समिति की प्रभारी नमिता सिंह के अनुसार, महाकुंभ के दौरान और उसके बाद, उनकी समिति ने अब तक 50 हजार से अधिक बोतलों में गंगाजल की पैकेजिंग और वितरण किया है. इस दौरान नागपुर की शिव शंभू ग्रुप सोसायटी को 500 मिलीलीटर की 50 हजार बोतलों में गंगाजल भेजा गया है.
3 हजार से अधिक महिलाओं को मिला नया रोजगार
गंगाजल की देश विदेश में डिमांड बढ़ने से समूह से जुड़ी 18 गांव की 3 हजार से अधिक महिलाओं को नया रोजगार मिल गया है. गरीब और पिछड़े समाज से जुड़ी ये महिलाएं गंगाजल से जुड़े काम से महीने में 10 हजार से अधिक की कमाई कर पा रही हैं. महिलाएं कहती हैं कि गंगा और कुंभ ने उन्हें न सिर्फ आत्म निर्भर बनाया है. अब बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा रही हैं. इसके साथ ही अपनी जरूरतों को पूरा करने को लेकर उन्हें लोगों के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता है.
अग्नि शमन विभाग को मिली जिम्मेदारी
यूपी के सभी 75 जिलों में अग्नि शमन विभाग की ओर से त्रिवेणी का पावन जल पहले ही पहुंचाया जा चुका है. यह सिलसिला अभी चल ही रहा था कि नॉर्थ ईस्ट में असम से निजी टैंकर लेकर परम शिवम शिव मंदिर योगाश्रम, गुवाहाटी के संत राजा रामदास त्रिवेणी संगम पहुंचे थे. सीएफओ प्रमोद शर्मा के अनुसार, राजा रामदास ने टैंकर में गंगा जल भरवाने में विभाग का सहयोग मांगा और उनके विभाग ने उनके टैंकरों में जल भरकर उन्हें यहां से असम के लिए रवाना कर दिया गया था.
गंगाजल को लेकर लोगों की आस्था कम नहीं हुई
कुंभ के समापन को काफी समय बीतने के बाद भी गंगाजल को लेकर लोगों की आस्था कम नहीं हुई है. ये मां गंगा का आशीर्वाद ही है कि गंगा के तट पर पहुंचने पर जिस गंगाजल की कोई कीमत नहीं है. वहीं गंगाजल विदशों और देश के दूसरे स्थानों पर भक्तों के लिए अनमोल हो गया है अहम बात ये है कुंभ के समापन के बाद अब ये गंगाजल हजारों परिवार के लिए रोजगार का जरिया बन गया है.