उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने का सरकार का उद्देश्य सभी छात्रों के लिए समग्र कल्याण नीति विकसित करके सुविधा प्रदान करना है. अंसारी ने कहा- यह मदरसों पर निर्भर करता है कि वह सरकार की कल्याणकारी योजना का लाभ उठाना चाहते हैं या नहीं. उनके लिए राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त करने की कोई बाध्यता नहीं है. सर्वेक्षण से सरकार को छात्रों की सही संख्या का पता लगाने में मदद मिलेगी, ताकि हम उनके कल्याण के लिए एक समग्र नीति तैयार कर सकें.
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसों में 20 लाख छात्र हैं और 7,500 अतिरिक्त गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों में लगभग 15 लाख से अधिक छात्र हैं. उन्होंने कहा- हम गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्रों की उपेक्षा नहीं कर सकते, सरकार उनके लिए कल्याणकारी नीति तैयार कर रही है. यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि सभी मुस्लिम बच्चों को बढ़ने का अवसर दिया जाए.
मंत्री ने कहा, उनके पास इस्लाम और धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने के सभी अधिकार हैं, लेकिन बदलते समय के साथ उन्हें कंप्यूटर, विज्ञान और अन्य विषयों को भी पढ़ाने की जरूरत है. उनका व्यक्तित्व विकास और नई दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना सरकार के लक्ष्य का हिस्सा है.
Source : IANS