UP में योगी सरकार सख्त, छात्रवृत्ति योजना में अधिकारियों की लापरवाही पर CM ने उठा लिया ये कड़ा कदम

Lucknow: कार्रवाई केवल जिलास्तरीय अधिकारियों तक ही सीमित नहीं रही. मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों की लापरवाही पर भी सख्ती दिखाई है.

Lucknow: कार्रवाई केवल जिलास्तरीय अधिकारियों तक ही सीमित नहीं रही. मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों की लापरवाही पर भी सख्ती दिखाई है.

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Yashodhan.Sharma
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CM Yogi Action on depriving scholarship

CM Yogi Photograph: (Social)

UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई योजना में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और संस्थानों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. प्रदेश के करीब छह लाख पात्र छात्रों को लाभ से वंचित पाए जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीधे जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए.

गरीब छात्रों को योजना का लाभ नहीं मिला

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प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना का उद्देश्य गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा के अवसर देना है. सरकार ढाई लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले एससी-एसटी छात्रों और दो लाख रुपये तक आय वाले अन्य वर्गों के छात्रों को छात्रवृत्ति व शुल्क भरपाई का लाभ देती है. लेकिन शैक्षणिक सत्र 2024-25 में विश्वविद्यालयों और शिक्षा संस्थानों की लापरवाही से लाखों पात्र छात्र इस सुविधा से वंचित हो गए. कहीं अधिकारियों ने समय पर डेटा लॉक नहीं किया तो कहीं विश्वविद्यालय और संस्थान आवेदन आगे बढ़ाने में नाकाम रहे.

बरेली में सबसे बड़ी गड़बड़ी

सबसे ज्यादा लापरवाही बरेली जिले में सामने आई, जहां 40 संस्थानों के करीब 1600 छात्र प्रभावित हुए. इस मामले में दोषी पाए गए बाबू प्रमोद जोशी को निलंबित कर दिया गया. वहीं बाराबंकी, हापुड़, झांसी और प्रयागराज के समाज कल्याण विभाग के बाबुओं को कठोर चेतावनी दी गई है.

14 जिलों के अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि

सरकार ने 14 जिलों के समाज कल्याण अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी है. इनमें अलीगढ़, औरेया, अयोध्या, बहराइच, बलिया, बरेली, बिजनौर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, कन्नौज, प्रतापगढ़, रायबरेली, सीतापुर और वाराणसी शामिल हैं. जांच में पाया गया कि इन जिलों के अधिकारियों की भूमिका बेहद संदिग्ध रही है.

विश्वविद्यालयों और ITI पर भी कार्रवाई

कार्रवाई केवल जिलास्तरीय अधिकारियों तक ही सीमित नहीं रही. मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों की लापरवाही पर भी सख्ती दिखाई है.

  • 14 राज्य विश्वविद्यालयों और 19 निजी विश्वविद्यालयों को कठोर चेतावनी दी गई.
  • 66 नोडल अधिकारियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है.
  • आठ आईटीआई मंडलों के संयुक्त निदेशकों की भी जिम्मेदारी तय की गई है.

सीएम का सख्त संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि भविष्य में किसी भी पात्र छात्र को छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई से वंचित पाए जाने पर और कड़ी कार्रवाई होगी.

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