logo-image

व‍िधायक मुख्‍तार अंसारी के बेटों उमर और अब्बास से पूछताछ

मामले के विवेचक इंस्पेक्टर डीसी श्रीवास्तव ने मुख्तार के बेटे उमर और अब्बास अंसारी से अवैध निर्माण के बारे में करीब 50 सवाल किए. कई सवालों में बताया जा रहा है कि दोनों भाई घिरते नजर आए.

Updated on: 15 Feb 2021, 07:21 PM

लखनऊ:

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के दोनों बेटे उमर अंसारी और अब्बास अंसारी आज हजरतगंज कोतवाली पुलिस मे पूछताछ की. जहां विवेचक के सामने दोनों ने अपने बयान दर्ज कराए. दोनों पर डालीबाग में सरकारी संपत्ति पर अवैध तरीके से कब्जा करने. नुकसान पहुंचाने, निर्माण कराने, साजिश करने और जालसाजी के तहत मामला दर्ज है. मामले में उमर और अब्बास ने सोमवार अपने बयान दर्ज कराए है. दरअसल, पिछले साल लखनऊ जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने डालीबाग स्थित मुख्तार के बेटों पर शिकंजा कसा था और  दो बिल्डिंग को ध्वस्त कर जमींदोज किया था. तब दोनों पर सरकारी संपत्ति पर कब्जा कर अवैध निर्माण कराने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी.

एफआईआर के बाद से दोनों फरार थे, जिसके बाद पुलिस ने दोनों बेटों पर 25 - 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था. गिरफ्तारी से बचने के लिए मुख्तार के दोनों बेटों ने कोर्ट से स्टे ले लिया था. मामले में सोमवार को उमर और अब्बास अंसारी अपने वकील के साथ हजरतगंज कोतवाली पहुंचे और अपना बयान दर्ज कराया है.

विवेचक ने दोनों से किए करीब 50 सवाल

मामले के विवेचक इंस्पेक्टर डीसी श्रीवास्तव ने मुख्तार के बेटे उमर और अब्बास अंसारी से अवैध निर्माण के बारे में करीब 50 सवाल किए. कई सवालों में बताया जा रहा है कि दोनों भाई घिरते नजर आए. इंस्पेक्टर ने उनसे जमीन कब और कैसे ली, कैसे और क्यों उस पर निर्माण कार्य शुरू कराया. करीब एक घंटे तक दोनों से पूछताछ चली. इसके बाद उन्हें छोड़ा गया. विवेचक के कक्ष से निकलने के बाद दोनों ने मीडिया को कोई भी जानकारी नहीं दी. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वह बयान दर्ज कराने आए थे.

हजरतगंज थानाक्षेत्र के डालीबाग में जालसाजी और साजिश कर जमीन पर अवैध कब्जा करने का मुकदमा अगस्त 2020 में दर्ज किया गया था. पुलिस ने यह कार्रवाई लेखपाल की तहरीर पर की थी. जियामऊ के लेखपाल सुरजन लाल की तहरीर में आरोप लगा था कि डालीबाग की जिस जमीन पर मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के नाम से टावर बनाया गया था. वह जमीन मो. वसीम की थी. वसीम पाकिस्तान चले गये थे.


इसके बाद संपत्ति निष्क्रांत के रुप में दर्ज हो गई थी. इस जमीन को हासिल करने के लिए मुख्तार अंसारी और उनके बेटों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार किये. इसके बाद जमीन पर दो टावरों का निर्माण कराया. जमीन 14 अगस्त 2020 को जांच के बाद निष्क्रांत घोषित कर दी गई. पुलिस ने लेखपाल की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया था. इस मामले की जांच की जा रही है. इसी दौरान अवैध कब्जा हटवाने के लिए दोनों टावरों को जमींदोज कर दिया गया था.