सर्जिकल स्ट्राईक के बाद लगातार दुश्मनों पर हमला करते हुए मोदी ने एक बार फिर कहा कि युद्ध कभी -कभी जरूरी है हालांकि भारत शांति की चाह रखने वाला देश है भारत के लोग युद्ध से बुद्ध की तरफ जाने वाले है। आतंकवाद के खिलाफ भी उन्हेंने लड़ने की बात कही। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा लैंगिक आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए। लोगों को संबोधित करते हुए एक बार फिर मोदी ने स्वच्छता का पाठ लोगों को पढ़या। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने अपने अंदर की बुराइयों को खत्म करने को कहा, और जात-पात से उपर उठ कर सबको सोचने के लिए प्रेरित किया।
आइए जानते हैं कि क्या कहा प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में
1-युद्ध कभी-कभी जरूरी होते हैं लेकिन हम युद्ध से बुद्ध की ओर जाने वाले लोग हैं।
2-आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया को एक होना होगा।
3- हमें लैंगिक भेदभाव खत्म करना होगा, गर्भ में पल रही सीता को बचाना हमारा दायित्व है।
4- बेटियां और महिलाएं चाहे किसी भी धर्म की हो उन्हें न्याय मिलना चाहिए।
5- विजयादशमी से प्रेरणा लेते हुए हमें भ्रष्टाचार और गंदगी का सफाया करना चाहिए।
6- हमें रावण दहन पर अपने अंदर का रावण खत्म करना होगा।
7-आतंकवाद के खिलाफ हम लोगों को राम ना सही लेकिन जटायु की तरह तो लड़ना ही होगा।
8- हमें दशहरा पर अपने भीतर की 10 बुराइयों को खत्म करना चाहिए
9-हर साल रावण जलाते हुए ये हिसाब-किताब करना चाहिए कि हमने अपनी कितनी बुराई खत्म की।
10-जातिवाद और सांप्रदायिकता रुपी रावण को खत्म करना होगा।
Source : News Nation Bureau
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