बाबरी मस्जिद मामले में पेशी से पहले बोली उमा भारती, 'मैं अपराधी नहीं'

उमा ने इस मामले में विपक्षी पार्टियों की साज़िश होने से इनकार किया है।

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Deepak Kumar
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बाबरी मस्जिद मामले में पेशी से पहले बोली उमा भारती, 'मैं अपराधी नहीं'

उमा बोली, 'मैं नहीं हूं अपराधी'

केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बाबरी मस्जिद गिराने के मामले में कहा कि वो 'क्रिमिनल' नहीं हैं। उमा भारती मंगलवार (30 मई) को सीबीआई की विशेष अदालत में हाजिर होने लखनऊ पहुंची थी जहां उन्होंने ये बात कही।

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उन्होंने कहा, 'ये भगवान का मामला है और मैं उनसे (सीबीआई) सिर्फ उम्मीद कर सकती हूं। जबसे मैंने इस मुहिम में पूर्ण समर्पण के साथ हिस्सा लिया है मैं ख़ुद को अपराधी नहीं मानती।'

हालांकि उन्होंने इस मामले में विपक्षी पार्टियों की किसी भी तरह से साज़िश होने से इनकार किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये एक खुला आंदोलन था और इसमें क्या साजिश थी उन्हें नहीं पता।

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उमा भारती ने कहा, 'ये खुला आंदोलन था जैसे इमरजेंसी के खिलाफ हुआ था। इस आंदोलन में क्या साजिश थी मुझे पता नहीं अभी।'

सीबीआई की विशेष अदालत 1992 में अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में उमा भारती के अलावा लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी इत्यादि पर आरोप तय करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को बाबरी मस्जिद मामले से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आडवाणी, जोशी और भारती एवं अन्य नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला चलाए जाने का आदेश दिया था। अदालत ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने से जुड़े दो मामलों को एक ही अदालत में स्थानांतरित करके रोजाना सुनवाई करके मामले को त्वरित निपटारे का आदेश दिया था।

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बाबरी मस्जिद से जुड़े दूसरे मामले में महंत राम विलास वेदांत, महंत नृत्यगोपाल दास, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेस जी, चंपत राय बंसल, महंत धर्म दास और सतीश प्रधान पर अदालत मंगलवार को आरोप तय करेगी।
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी बाबरी मामले में आरोप थे लेकिन अभी राजस्थान का राज्यपाल होने के कारण उन पर कोई अदालती कार्रवाई नहीं होगी।

आडवाणी, जोशी, उमा भारती, विनय कटियार (भाजपा), साध्वी ऋतंभरा, आचार्य गिरिराज किशोर, अशोक सिंघल और विष्णु हरि डालमिया (विहिप) पर छह दिसंबर, 1992 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद गिराए जाने से पहले रामकथा कुंज में एक मंच से भाषण देने को लेकर मुकदमा चल रहा है।

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6 दिसंबर, 1992 को हजारों की संख्या में कारसेवक अयोध्या पहुंचे और 15वीं सदी में बनाई गई अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद को गिरा दी थी। उन्होंने सदियों पुरानी बाबरी मस्जिद पर चढ़कर उसे तोड़ दिया था और उस जगह तिरपाल टांगकर रामलला की मूर्ति रख दी थी। इस घटना के बाद देश में कई जगह सांप्रदायिक दंगे हुए थे।

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Source : News Nation Bureau

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