Lucknow: क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी के रूप में लखनऊ को मिली मान्यता, UNESCO ने दिया ये सम्मान

Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी के रूप में मान्यता दी गई है. इसमें लखनऊ के वेज और नॉन-वेज फूड दोनों ही शामिल हैं.

Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी के रूप में मान्यता दी गई है. इसमें लखनऊ के वेज और नॉन-वेज फूड दोनों ही शामिल हैं.

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Jalaj Kumar Mishra
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Lucknow honours as Creative City of Gastronomy by UNESCO

Lucknow Tunday Kabab

Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है. यूनेस्को ने लखनऊ को क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी के रूप में मान्यता दी है. ये सम्मान 31 अक्टूबर को वर्ल्ड सीटीज डे के मौके पर उज्बेकिस्तान के समरकंद में यूनेस्को के 43वें महासत्र के दौरान प्रदान किया गया. 

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नवाबी स्वाद को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान

यूनेस्को ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि गलौटी कबाब से लेकर अवधी बिरयानी, चाट-गोलगप्पे से लेकर मखन मलाई जैसे व्यंजन लखनऊ को खानपान की दुनिया में अनोखी पहचान देते हैं. खास बात है कि ये मान्यता लखनऊ की सदियों पुरानी अवधी रसोई, जीवंत भोजन परंपराओं और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है. ध्यान रहे कि यूनेस्को ने अपनी सूची में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के व्यंजनों का उल्लेख किया है. इससे ये साफ होता है कि लखनऊ की पाक संस्कृति कितनी अधिक विविध और समृद्ध है. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस उपलब्धि को ऐतिहासिक करार दिया है. उन्होंने पीएम मोदी के मार्गदर्शन को श्रेय दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर #OneDistrictOneCuisine ट्रेंड शुरू किया और विभिन्न जिलों के शाकाहारी व्यंजनों का उल्लेख किया, जिसमें लखनवी चाट, काशी की मलाइयो, मेरठ की गजक, आगरा का पेठा तो मथुरा का पेड़ा शामिल है. 

चूंकि मुख्यमंत्री ने अपने पोस्ट में सिर्फ शाकाहारी व्यंजनों का जिक्र किया, जिस पर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने आपत्ति जताई. उन्होंने एक्स पर लिखा कि लखनऊ को ये सम्मान लखनऊ के मांसाहारी डिशेज के लिए मिला है. इसलिए इनको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. यूजर्स ने कुछ मांसाहारी डिशेज के नाम भी बताए हैं, जैसे- कबाब, कोरमा, बिरयानी, निहारी-कुलचा और शीरमाल.

सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने सरकार को इसके लिए बधाई दी तो कुछ लोगों ने सरकार को इसके लिए सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि को इंटरनेशल लेवल पर लाने के लिए लखनऊ के रेस्तरां में यूनेस्कों की मान्यता के पोस्टर लगवाए जाएं. वहीं, कुछ यूजर्स ने कहा कि लखनऊ सिर्फ वेज-नॉनवेज फूड के लिए ही नहीं बल्कि अपने मौसमी व्यंजनों के लिए भी मशहूर है.  

कैसे मिला यह सम्मान

इस सम्मान की प्रक्रिया जनवरी 2025 में शुरू हुई, जब उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय ने संस्कृति मंत्राल को नामांकन के दस्तावेज भेजे. मार्च में इसे यूनेस्को को भेजा गया और अब लखनऊ को वैश्विक स्तर पर ये सम्मान मिला. इससे पहले 2019 में हैदराबाद को ये दर्जा मिला. अब लखनऊ दूसरा भारतीय शहर बन गया है, जिसे गैस्ट्रोनॉमी श्रेणी में शामिल किया गया है.

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