निरहुआ ईश्वर के लिखे को मिटा सकते हैं, लेकिन जनता के नहीं, जानिए क्यों

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के अंतिम चरण का मतदान 19 मई को हुआ. इसके बाद हर कोई बेसब्री के साथ 23 मई आने का इंतजार करने लगा. लेकिन उससे पहले आए एक्जिट पोल ने यह साफ कर दिया कि मोदी सरकार फिर से सत्ता में आ सकती है.

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के अंतिम चरण का मतदान 19 मई को हुआ. इसके बाद हर कोई बेसब्री के साथ 23 मई आने का इंतजार करने लगा. लेकिन उससे पहले आए एक्जिट पोल ने यह साफ कर दिया कि मोदी सरकार फिर से सत्ता में आ सकती है.

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Yogendra Mishra
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निरहुआ ईश्वर के लिखे को मिटा सकते हैं, लेकिन जनता के नहीं, जानिए क्यों

प्रतीकात्मक फोटो

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के अंतिम चरण का मतदान 19 मई को हुआ. इसके बाद हर कोई बेसब्री के साथ 23 मई आने का इंतजार करने लगा. लेकिन उससे पहले आए एक्जिट पोल ने यह साफ कर दिया कि मोदी सरकार फिर से सत्ता में आ सकती है. बृहस्पतिवार को जब चुनाव के नतीजे आने शुरू हुए तो रुझान भी एक्जिट पोल की ही तरह रहा.

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मतगणना में शुरुआती रुझान बीजेपी के पक्ष में रहा. 2019 के लोकसभा चुनाव को बीजेपी ने एक प्रयोगशाला के तौर पर देखा है. इसी कारण बीजेपी ने अभिनेताओं पर दांव खेला. चाहे वह हिंदी फिल्म के रहे हों या भोजपुरी फिल्म के. लेकिन बीजेपी ने अपना सबसे बड़ा दांव आजमगढ़ (Azamgarh) सीट पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के सामने भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार दिनेश लाला यादव निरहुआ को लड़ा कर चला.

यादव बाहुल्य इलाके में अखिलेश यादव के सामने बीजेपी ने एक अन्य यादव को मैदान में उतारा. बृहस्पतिवार को जब रिजल्ट निकला तो निरहुआ पिछड़ते चले गए. मतगणना के दिन 3 बजे तक निरहुआ करीब 1 लाख वोटों से पिछड़ गए. हालांकि निरहुआ ने अपने प्रचार के दौरान कहा था कि वह हार नहीं सकते. एक टीवी चैनल को दे रहे इंटरव्यू में यहां तक कह दिया कि वह ईश्वर के लिखे हुए को भी मिटा सकते हैं.

शायद निरहुआ उस समय भूल गए थे कि वह एक इंसान हैं. या हो सकता है कि कैमरे के सामने खुद को देख कर उन्हें लगा हो कि भोजपुरी फिल्म की शूटिंग हो रही है, इसीलिए अतिश्योक्ति में यह सब कह दिया. हो सकता है कि निरहुआ को यह लगता हो कि वह ईश्वर के लिखे को मिटा सकते हैं. लेकिन जो जनता लिख देगी उसे नहीं मिटा सकते. आजमगढ़ की जनता ने ईवीएम में उनका भविष्य तय कर दिया. रुझान को देख कर नहीं लग रहा कि उनका राजनीतिक कैरियर उज्जवल होगा. अखिलेश यादव का यहां से जीतना तय माना जा रहा है.

HIGHLIGHTS

  • 2 बजे तक आए रुझान के मुताबिक 1 लाख वोट से निरहुआ पीछे
  • अखिलेश यादव बन सकते हैं आजमगढ़ के सांसद

Source : Yogendra Mishra

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