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लॉकडाउन : उत्तर प्रदेश में ईंट-भट्ठा औद्यौगिक इकाइयों को चलाने की सशर्त छूट

सरकार ने कहा है कि सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए औद्यौगिक इकाइयां चालू की जा सकती हैं

Updated on: 31 Mar 2020, 09:06 AM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में श्रमिकों और कर्मचारियों को वेतन भुगतान में आसानी के लिए राज्य सरकार ने औद्यौगिक इकाइयों को कुछ शर्तो के साथ चलाने की छूट दी है. सरकार ने कहा है कि सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए औद्यौगिक इकाइयां चालू की जा सकती हैं. लेकिन इसके लिए जिला उपायुक्त, उद्योग से कर्मचारियों को पास लेना होगा. राज्य के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने सोमवार को जारी आदेश में कहा है कि लॉकडाउन के कारण औद्यौगिक इकाइयों में कार्यरत श्रमिकों को वेतन आदि का भुगतान करने के लिए संबंधित औद्यौगिक इकाइयों को सीमित संख्या में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ चलाने की छूट दी जा सकती है.

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... मजदूरों की रोजी-रोटी छिन ना सके 

उन्होंने कहा है कि काम पर आने और जाने के लिए कर्मचारियों और श्रमिकों को प्रवेश पत्र जारी करने के लिए जनपद उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग को अधिकृत किया जाएगा. अपर मुख्य सचिव ने अपने आदेश में ईट-भट्ठों का खासतौर से जिक्र किया है. दरअसल प्रदेश में मौजूद ईंट भट्ठों पर हजारों की संख्या में मजदूर काम करते हैं. लॉकडाउन के कारण भट्ठों के बंद होने से मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गई है. ऐसे में राज्य सरकार ने शर्तों के साथ इन औद्यौगिक इकाइयों के संचालन की छूट दी है.

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निजी अस्पतालों को खोलने के दिए निर्देश

वहीं योगी सरकार ने सभी निजी अस्पतालों को तत्काल खोलने के निर्देश दिए हैं. लॉकडाउन के कारण ज्यादातर निजी अस्पताल बंद चल रहे हैं. इसके पीछे अस्पताल संचालक स्टाफ के आने-जाने की दिक्कतों का हवाला दे रहे हैं, जबकि आवश्यक सेवाओं के तहत अस्पतालों के खुलने पर रोक नहीं है. राज्य सरकार ने सभी जिलों के डीएम को इस संबंध में सोमवार रात को आदेश जारी किया है.

आदेश में निजी अस्पतालों के न खुलने पर कार्रवाई करने की बात कही गई है. मुख्य सचिव आर.के तिवारी ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अस्पतालों में मरीजों का इलाज हो सकता है. अस्पतालों में निश्चित समय के लिए मेडिकल स्टाफ और दवाओं की उपलब्धता जरूरी है. उन्होंने कहा, "जो अस्पताल संचालक निर्देशों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.