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उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी में जारी कलह पर विराम लग सकती है। मंगलवार को लखनऊ में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच लंबी बातचीत चली। इस दौरान अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर सहमति बनती दिख रही है। वहीं मुलायम राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं।
समाजवादी पार्टी की लड़ाई चुनाव आयोग भी पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' पर अपना दावा पेश करने के लिए चुनाव आयुक्त से मुलाकात करने का समय मांगा था।
मंगलवार को अखिलेश यादव के प्रतिनिधि के रुप में सपा से निष्कासित राम गोपाल यादव चुनाव आयुक्त से मुलाकात करने के लिए चुनाव आयोग पहुंच गए है। राम गोपाल के साथ सपा के सांसद नरेश अग्रवाल और पार्टी नेता किरणमय नंदा भी है।
बता दें कि सपा के अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' पर अपना दावा पेश करते हुए सोमवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की थी।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. राम गोपाल यादव की ओर से बुलाए गए इस आपातकालीन अधिवेशन में अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया गया था। मुलायम इस फैसले को असंवैधानिक बता चुके हैं।
हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान पिता-पुत्र के इस झगड़े को सुलझाने का प्रयास कर रहें है। खान का कहना है कि अभी भी समय है मामला सुलझ सकता है।
LIVE अपडेट
- लखनऊ वापस लौटें मुलायम सिंह से मिलने पहुंचे अखिलेश यादव
-हमने चुनाव आयोग से कहा कि 90 फीसदी विधायक अखिलेश यादव जी के समर्थन में है इसलिए पार्टी को उन्हीं के नेतृत्व वाली पार्टी को समाजवादी पार्टी माना जाना चाहिए: राम गोपाल यादव
We have said to EC that 90 % of MLAs are supporting Akhilesh Yadav ji and hence party led by him must be considered as SP: Ram Gopal Yadav pic.twitter.com/g3RiHnvjLZ
— ANI (@ANI_news) January 3, 2017
- चुनाव आयुक्त से मिलने रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल और किरणमय नंदा पहुंच गए है
- मुलायम सिंह के करीबी सुत्रों का दावा- चुनाव आयोग के सामने मुलायम सिंह यादव का पक्ष ज्यादा मजबूत। केवल पार्टी अध्यक्ष ही राष्ट्रीय अधिवेशन बुला सकते हैं न कि कोई निष्कासित सदस्य
Sources close to Mulayam Yadav to ANI: Their case in EC is strong as only party president can call convention and not disqualified members.
— ANI UP (@ANINewsUP) January 3, 2017
- समाचार एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को एसपी में वापस लेने का निर्णय किसी पेपर पर नहीं लिया गया था
वहीं मुलायम ने 5 जनवरी को बुलाए गए अधिवेशन को निरस्त कर दिया है। खबरों के मुताबिक मुलायम को डर है कि उनके बेटे अखिलेश के अधिवेशन की तुलना में उनकी ओर से बुलाए अधिवेशन में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की संख्या कम हो सकती है।