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सपा का संकट टला, रद्द हुआ अखिलेश-रामगोपाल का निष्कासन, शिवपाल बोले - मिलकर लड़ेंगे चुनाव

साल 2016 के आखिरी दिन यानि 31 दिसंबर को उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी मे के भविष्य पर भी फैसला आना है।

Updated on: 31 Dec 2016, 06:14 PM

highlights

  • आज तय होगा पार्टी का भविष्य, अखिलेश और मुालय दिखायेंगे अपनी ताकत 
  • अखिलेश कर सकते है नई पार्टी का ऐलान, कार्यकर्ताओं का मिल रहा हैं साथ 
  • इस टकराव का पड़ सकता है आगामी विधानसभा चुनावों पर बुरा प्रभाव 

नई दिल्ली:

साल 2016 के आखिरी दिन यानि 31 दिसंबर को उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी  के भविष्य पर भी फैसला होना है। आज ये तय होगा कि पार्टी का असली नेता कौन होगा? मुलायम सिंह यादव या अखिलेश यादव।

इसी को लेकर सीएम अखिलेश यादव और पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अपने-अपने आवास पर मौजूदा विधायकों और उम्मीदवारों की बैठक की जिसमें अखिलेश मुलायम पर भारी पड़े। अखिलेश की बैठक में जहां 190 से ज्यादा विधायक पहुंचे वहीं मुलायम की बैठक में सिर्फ 11 मौजूदा विधायकों ने ही हिस्सा लिया।

जिसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश और रामगोपाल यादव को पार्टी में वापस ले लिया गया। शिवपाल यादव ने इस संबंध में ट्वीट कर कहा, 'नेताजी के आदेश अनुसार, अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का पार्टी से निष्कासन तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है। सब साथ मिलकर सांप्रदायिक ताकतों से लड़ेंगे और उत्तर प्रदेश में फिर से पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे।'

लाइव अपडेट

- मुलायम सिंह के घर आजम खान और अखिलेश की मौजूदगी में  बैठक के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव के निष्कासन को रद्द कर दिया गया है। बैठक में शिवपाल यादव भी मौजूद थे, सूत्रों के मुताबिक शिवपाल यादव को अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है।

- अखिलेश और मुलायम सिंह यादव के बीच बैठक खत्म हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक अब अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव मिलकर उम्मीदवारों की नई लिस्ट जारी करेंगे

- शिवपाल सिंह यादव ने कहा विवाद को सुलझा लिया गया है और सांप्रदायिक ताकतों से मिलकर लड़ेंगे।

- मुलायम से मुलाकात में अखिलेश ने शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की मांग रखी, साथ ही उन्होंने 207 विधयकों की लिस्ट भी अपने पिता को सौंपी है: सूत्र

- सूत्रों के हवाले से खबर- मुलायम सिंह से मुलाकात में अमर सिंह को पार्टी से बाहर करने की हुई मांग। बीच का रास्ता निकालने के लिए रामगोपाल यादव की ओर से एक जनवरी को बुलाई गई राष्ट्रीय आपातकालीन प्रतिनिधि सम्मेलन की जगह को भी बदल दिया गया है।   

पार्टी विधायकों के साथ बैठक में भावुक हुए अखिलेश, कहा मैं अपने पिता से  अलग नहीं हुआ हूं।

- मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके घर पहुंचे सीएम अखिलेश यादव

मुझे पार्टी से अलग किया गया है:अखिलेश

- अखिलेश यादव ने कहा यूपी जीत कर पिता को तोहफा दूंगा

- लखनऊ में एसपी दफ्तर के बाहर सुरक्षा बढ़ाई गई

- आजम खान ने भी अपने करीबियों की बैठक बुलाई

- एसपी दफ्तर पहुंचे आजम खान

-  दोपहर तीन बजे अपने करीबी विधायकों के साथ बैठक करेंगे आजम खान

- 11 बजे एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भी करेंगे बैठक

- मुलायम सिंह यादव अभी बैठक में नहीं पहुंचे हैं

- एसपी दफ्तर पहुंचे 56 विधायक

- लालू यादव ने एसपी प्रमुख मुलायम सिंह से बात की, कहा सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए एकजुट रहें

- अखिलेश यादव की बैठक में मोबाइल ले जाने की इजाजत नहीं

बैठक में करीब 25 मंत्री समेत 190 विधायक मौजूद

- अखिलेश के समर्थन में हस्ताक्षर कर रहें है विधायक

- अखिलेश यादव की बैठक में राम गोपाल यादव भी मौजूद

- मुलायम-अखिलेश में बीच बचाव की कोशिश में जुटे आजम खान

- समर्थकों और विधायकों के साथ अखिलेश यादव की बैठक जारी

- एमएलए विधायक पवन पांडे ने कहा है कि लोग सिर्फ अखिलेश के साथ हैं

- मुख्यमंत्री आवास के बाहर भी बढ़ाई गई सुरक्षा

- बैठक में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं अखिलेश यादव

- अखिलेश यादव भी बैठक में पहुंचे

शिवपाल यादव एसपी दफ्तर पहुंचे

अखिलेश यादव के सरकारी घर के बाहर समर्थकों की भीड़ उमड़ी

एसपी एमएलए गोमती यादव ने कहा यूपी में अब समाजवादी पार्टी का एक ही चेहरा है और वो अखिलेश यादव हैं।

- अतीक अहमद ने कहा अगर झगड़े की वजह हम हैं तो पीछे हटने को तैयार हूं।

- मैं मुलायम सिंह के साथ हूं: अतीक अहमद

मुलायम सिंह यादव ने पार्टी विधायकों की अलग से बैठक बुलाई

- एसपी दफ्तर पहंचे बाहुबली नेता अतीक अहमद

- मुलायम की बैठक में सिर्फ 67 उम्मीदवार पहुंचे

- मुलायम सिंह की बैठक में सिर्फ 11 मौजूदा विधायक पहुंचे

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मुलायम की बैठक में उम्मीदवारों की संख्या की मौजूदगी ही आज नेता जी के भविष्य का फैसला भी होगा।एक समय चौधरी चरण सिंह , वीपी सिंह और चंद्रशेखर जैसे अपने साथियों से नाता तोड़ अपना परिवार बढ़ाने वाले मुलायम को आज अपने बेटे से ही चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

लंदन से पार्टी के महासचिव अमर सिंह ने मुलायम सिंह का समर्थन करते हुए कहा है कि वो हर हालत में नेताजी के साथ हैं।

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पार्टी के कार्यकर्ताओं में अखिलेश की तरफ रुझान देखा जा रहा है, ऐसे में संभावना है कि अपने समर्थकों के साथ मिलकर सीएम अखिलेश एक नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं। इसके साथ ही लोकसभा में मौजूद परिवार के पांच सांसदों में चार डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप यादव और अक्षय यादव भी अखिलेश के ही खेमे में है।

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दिलचस्प बात ये है कि इस साल ही पार्टी की रजत जयंती भी है और इसी साल पार्टी भी बिखर गई। इस कलह का नुकसान अखिलेश से ज्यादा मुलायम और चाचा शिवपाल को हुआ है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शिवपाल ने अपनी महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अखिलेश के खिलाफ मुलायम को भरा है।

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जबकि पार्टी की कमान शिवपाल के हाथों में जाए ऐसा खुद पार्टी के कार्यकर्ता भी नहीं चाहते। बीते सालों में पार्टी की छवि को बदलने के लिए अखिलेश ने बहुत काम किए है, जबकि शिवपाल सिंह यादव पर राज्य में गुंडागर्दी को ही बढ़ावा देने का आरोप है। जिसका असर विधानसभा चुनावों पर भी पड़ेगा।