यूपी चुनाव 2017: महागठबंधन को लेकर हो सकता है बड़ा ऐलान, कांग्रेस तैयार तो आरएलडी से नहीं बन पा रही है बात

उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आरएलडी के बीच गठबंधन को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही है। इस बीच सूत्रों ने बताया की आरएलडी सीटों पर सहमति नहीं बन पाने के कारण महागठबंधन से अलग कर लिया है।

author-image
Jeevan Prakash
एडिट
New Update
यूपी चुनाव 2017: महागठबंधन को लेकर हो सकता है बड़ा ऐलान, कांग्रेस तैयार तो आरएलडी से नहीं बन पा रही है बात

राहुल गांधी, अखिलेश यादव और अजित सिंह

समाजवादी पार्टी की कमान अखिलेश यादव के हाथ में आते ही विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बाहर करने के लिए बिहार की तरह महागठबंधन होने के कयास लगने शुरू हो गए थे। कांग्रेस सपा से गठबंधन के लिए अपनी सहमति दे चुकी है लेकिन सीटों पर अब भी पेंच फंसा है। वहीं राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) भी अधिक सीट मांग रही है। खबर है कि आरएलडी सपा-कांग्रेस के गठबंधन में शामिल नहीं होगी।

Advertisment

सूत्रों के मुताबिक एसपी कांग्रेस और अजित सिंह की पार्टी आरएलडी के बीच होने वाले गठबंधन में अखिलेश सहयोगी दलों के लिए 100 सीटों से ज्यादा नहीं छोड़ना चाहते हैं। समाजवादी पार्टी आरएलडी को 403 में 20 सीट देना चाहती है। जबकि आरएलडी 35 सीटों की मांग कर रही है।

वहीं अखिलेश यादव कांग्रेस को 90 सीटें देने पर राजी हैं लेकिन कांग्रेस अपने लिए 100 से अधिक सीटें मांग रही है। अखिलेश खुद इस महागठबंधन का स्वरूप तैयार कर रहे हैं।

दरअसल, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और एसपी दोनों ही दलों को गठबंधन की दरकार है। समाजवादी पार्टी की बात करें तो प्रदेश में 73 लोकसभा सीटें जीतने वाली बीजेपी की चुनौती का मुकाबला करने के लिए अखिलेश की बड़ी उम्मीद मुस्लिम वोट बैंक पर थी। खासकर पश्चिमी यूपी में मुजफ्फरनगर दंगों से लेकर अखलाक कांड तक के हालात में एसपी को अल्पसंख्यक वोट छिटकते दिख रहे हैं। ऐसे में अखिलेश के लिए पारंपरिक वोटबैंक को अपने हक में करने के लिए सेक्यूलर पार्टी से गठबंधन की जरूरत है।

और पढ़ें: बेटे अखिलेश ने लिस्ट से हटाया मुलायम के चहेते अतीक अहमद और अमनमणि का नाम

वहीं यूपी में 27 साल यूपी बेहाल का नारा देकर चुनावी जंग में उतरी कांग्रेस को जमीनी हकीकत का अंदाजा हो गया था। कांग्रेस के पास यूपी के चुनावी समर में लड़ने के लिए अखिलेश की टक्कर का सीएम पद चेहरा नहीं था। बीजेपी से मुकाबले के लिए सेक्युलर वोट को एकजुट रखने के लिए भी कांग्रेस ने गठबंधन का रास्ता अख्तियार किया था।

42% वोट का गठबंधन दांव

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन के पीछे का एक गणित ये भी है कि 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 29.29 फीसदी वोट मिले थे जबकि जिन सीटों पर कांग्रेस लड़ी थी वहां उसे 13 फीसदी वोट मिले थे। मतलब ये कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन के बाद करीब 42 प्रतिशत फीसदी वोट इन दलों ने अपने पाले में आने की उम्मीद रखी है।

और पढ़ें: मुलायम सिंह की सूची में भाई शिवपाल यादव का नाम नदारद, अखिलेश को दी 39 उम्मीदवारों की लिस्ट

मुलायम अखिलेश के झगड़े की वजह से इस वोटबैंक के खिसकने की आशंका थी। लिहाजा कांग्रेस से गठबंधन के बाद एसपी ने इस वोटबैंक के बरकरार रहने की उम्मीद रखी है। क्योंकि यूपी में करीब 20 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं जो 403 सीटों में से 125 सीटों पर नतीजे को प्रभावित कर सकते हैं।

और पढ़ें: अखिलेश यादव के नए पोस्टर में मुलायम सिंह का बढ़ा कद, लिखा- 'आपकी साइकिल सदा चलेगी'

HIGHLIGHTS

  • समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आरएलडी को लेकर सीटों पर नहीं बन रही है सहमति
  • आरएलडी 35 सीटों पर अड़ी, कांग्रेस-सपा देना चाहती है मात्र 20 सीट
  • सीटों पर सहमति नहीं बनने पर महागठबंधन की खत्म हो सकती है उम्मीद

Source : News Nation Bureau

News in Hindi rahul gandhi congress UP elections Samajwadi Party Akhilesh Yadav RLD
      
Advertisment