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उप्र : आदिवासी किशोरी को बिन ब्याहे 'मां' बनाने के दोषी को उम्रकैद

उत्तर प्रदेश में चित्रकूट की अपर जिला जज की अदालत ने एक आदिवासी किशोरी को बिन ब्याहे 'मां' बनाने के दोषी युवक को गुरुवार को उम्रकैद की सजा सुनाई और उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

Updated on: 11 Aug 2019, 02:00 AM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में चित्रकूट की अपर जिला जज की अदालत ने एक आदिवासी किशोरी को बिन ब्याहे 'मां' बनाने के दोषी युवक को गुरुवार को उम्रकैद की सजा सुनाई और उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.


वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने शनिवार को बताया, 'अपर जिला जज रामलखन सिंह चंदरौल की अदालत ने शुक्रवार को अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद एक आदिवासी 15 साल की लड़की से शादी का झांसा देकर लगातार दुष्कर्म कर उसे 'मां' बनाने के मामले में दोष सिद्ध हो जाने पर बरगढ़ थाना क्षेत्र के युवक मनोज यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई है और उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की पूरी रकम पीड़िता व उसकी पुत्री को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी.'

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उन्होंने बताया, 'एक आदिवासी व्यक्ति ने 29 मई, 2017 को बरगढ़ थाने में प्राथमिकी दर्ज करवा कर आरोप लगाया था कि युवक मनोज यादव उसकी 15 साल की बेटी से शादी करने का झांसा देकर लगातार दुष्कर्म करता रहा, जिससे बेटी गर्भवती हो गई है. अब वह शादी करने से इंकार कर रहा है और उसके परिजन पैसा लेकर गर्भपात कराने का दबाव बना रहे हैं. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था.'

श्रीवास्तव ने बताया कि अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान ही पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया है.