उत्तर प्रदेश को अगले पांच वर्ष में वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए मैन्युफैक्च रिंग सेक्टर पर खासा फोकस कर रही है. अर्थव्यवस्था को बूस्टअप करने के लिए सरकार प्रदेश की जीएसडीपी में मैन्युफैक्च रिंग सेक्टर के योगदान को तीन गुना से भी ज्यादा करने पर जोर दे रही है. वर्तमान में मैन्युफैक्च रिंग सेक्टर का योगदान 14 प्रतिशत है, जिसे 45 प्रतिशत तक ले जाने पर काम शुरू कर दिया गया है. इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं. बैठक में मैन्युफैक्च रिंग सेक्टर को रफ्तार देने के लिए सात इंडस्ट्री पर फोकस करने को कहा गया है. इसमें से कुछ इंडस्ट्री में यूपी निर्यात में अहम भूमिका निभाता है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों को मैन्युफैक्च रिंग सेक्टर के तहत आने वाली सात इंडस्ट्री क्रमश: लेदर, टेक्सटाइल, टॉयस एंड गेम्स, डिफेंस, इलेक्ट्रानिक्स, मशीनरी और इलेक्ट्रिक व्हीकल पर फोकस करने को कहा है. वजह ये भी है कि इनमें से उत्तर प्रदेश लेदर, टेक्सटाइल और टॉयस के निर्माण का हब है और पूरे देश में यूपी सबसे ज्यादा इन इंडस्ट्री में निर्मित प्रोडक्ट का निर्यात करता आ रहा है. ऐसे में इसमें कम मेहनत और लागत से ही निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है, बस इसपर फोकस बढ़ाना होगा.
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2027 तक लेदर, टेक्सटाइल, टॉयस एंड गेम्स, डिफेंस, इलेक्ट्रानिक्स में वैश्विक बाजार के 5 प्रतिशत निर्यात पर अधिकार कर लिया जाए तो जीएसडीपी (ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडेक्ट) में 246 बिलियन निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री में वैश्विक बाजार का 10 प्रतिशत निर्यात पर अधिकार के साथ जीएसडीपी में 14 बिलियन निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. मालूम हो कि वर्तमान में प्रदेश की जीएसडीपी 4.2 प्रतिशत है, जो 18 लाख 63 हजार 221 करोड़ है.
चीन वैश्विक स्तर पर कपड़े का 29 प्रतिशत तक निर्यात करता है, जबकि भारत 3 प्रतिशत ही करता है. इसमें पूरे देश में अकेले यूपी 23 प्रतिशत तक निर्यात करता है. वहीं चीन वैश्विक स्तर पर लेदर का 32 प्रतिशत तक निर्यात करता है, जबकि भारत 2 प्रतिशत ही करता है. इसमें यूपी का योगदान 43 प्रतिशत का है. इसी तरह खिलौने और खेल के सामान का निर्यात चीन वैश्विक स्तर पर 58 प्रतिशत करता है, जबकि भारत महज 0.4 प्रतिशत तक निर्यात करता है. इसमें भी अकेले यूपी का निर्यात 32 प्रतिशत तक है. ऐसे में इन प्रोडक्ट के निर्यात को यूपी आसानी से बढ़ा सकता है, क्योंकि इनके निर्माण का इंफ्रास्ट्रक्च र यूपी के पास पहले से ही मौजूद है, जिससे वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को प्राप्त करने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी और पांच वर्ष के अंदर ही लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा.
वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योगी सरकार को वर्तमान जीएसडीपी का 42 से 47 प्रतिशत तक निवेश कराना होगा. इसमें सबसे ज्यादा फोकस 45 प्रतिशत तक मैम्युफैक्च रिंग सेक्टर पर करना होगा. वर्तमान में मैन्युफैक्च रिंग सेक्टर का जीएसडीपी की ग्रोथ में 14 प्रतिशत का योगदान है, जो करीब 2 लाख करोड़ से अधिक है. इसे बढ़ाकर 45 प्रतिशत यानी 31 लाख करोड़ से अधिक करना होगा. इसके लिए प्रदेश में नये उद्योगों को लगाने एवं उनके विस्तार पर जोर दिया जा रहा है.
Source : IANS