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लखनऊ में कोरोना से बिगड़े हालात, यूपी के कानून मंत्री बोले- लगाना पड़ सकता है लॉकडाउन

लखनऊ में एक ओर अस्पताल के बाहर मरीजों की लाइन लगी है, तो दूसरी ओर श्मशान के बाहर भी अंतिम संस्कार के लिए लाइन लगी है. राजधानी में कोरोना के कारण खराब हो रही स्थिति को देखते हुए प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने चिंता जताई है.

Updated on: 13 Apr 2021, 12:17 PM

highlights

  • कानून मंत्री ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को पत्र लिखा
  • बृजेश पाठक ने अपनी चिट्ठी में लॉकडाउन लगाने का जिक्र किया

नई दिल्ली:

देश में कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है. इस महामारी (COVID-19) के कारण एक बार फिर हालात एक बार फिर से बेकाबू होते जा रहे हैं. कोरोना के नए केस ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. आलम ये है कि तकरीबन हर रोज एक लाख से ज्यादा नए मरीज सामने आ रहे हैं. यूपी में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है. यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना महामारी के कारण हालात काफी खराब होते नजर आ रहे हैं. इस महामारी के कारण लखनऊ की स्वास्थ्य व्यवस्था भी चरमरा चुकी है. लोगों को एंबुलेंस तक नहीं पा मिल रही है. 

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लखनऊ में एक ओर अस्पताल के बाहर मरीजों की लाइन लगी है, तो दूसरी ओर श्मशान के बाहर भी अंतिम संस्कार के लिए लाइन लगी है. राजधानी में कोरोना के कारण खराब हो रही स्थिति को देखते हुए प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने चिंता जताई है. कानून मंत्री बृजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को पत्र लिखकर लखनऊ में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चिंता जाहिर की. बृजेश पाठक ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि यदि हालात नहीं सुधरे तो लॉकडाउन तक लगाना पड़ सकता है. 

बृजेश पाठक ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना की जांच बंद हो गई है, जो बेहद गलत है. उन्होंने लिखा कि शहर में इस वक्त 17 हजार कोविड जांच किटों की जरूरत है, लेकिन 10 हजार ही मिल रही हैं. ये इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. उन्होंने लिखा कि 'विगत एक सप्ताह से हमारे पास पूरे लखनऊ जनपद से सैकड़ों फोन आ रहे हैं, जिनको हम समुचित इलाज नहीं दे पा रहे हैं.' उन्होंने लिखा कि 'मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में फोन करने पर फोन का जवाब तक नहीं दिया जा रहा था, जिसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री से करने पर फोन तो उठता है, लेकिन कोई सकारात्मक कार्य नहीं होता.'

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उन्होंने लिखा कि एंबुलेंस भी पेसेंट को नहीं मिल पा रही है. एंबुलेंस पहुंचने में 5 से 6 घंटे ले रही है. कोरोना रिपोर्ट आने में 4 से 7 दिन का समय लग रहा है. इतना ही नहीं सीएमओ ऑफिस से भर्ती की स्लिप मिलने में ही 2-2 दिन का समय लग रहा है. मंत्री ने अपनी चिट्ठी में अपील की है कि अस्पतालों में बेड्स की संख्या तुरंत बढ़ाई जाए, टेस्टिंग पर भी जोर दिया जाए. उन्होंने लिखा कि यदि हालात पर तुरंत सुधार नहीं किया गया तो हमें कोविड को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है.