राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी पर हाथरस में लाठी चार्ज किये जाने का आरोप लगाते हुए पार्टी ने कहा कि यह सरकार की ‘निरंकुशता’ का परिचायक है. चौधरी हाथरस में दलित युवती से कथित सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले में पीडि़त परिवार से मिलकर संवेदना प्रकट करने पहुंचे थे. रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मसूद अहमद ने कहा कि पुलिस ने जयंत चौधरी और पार्टी कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज किया. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) ने घटना के लिए सरकार की निंदा की है. इस संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि रालोद और सपा के कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और जोर-जबर्दस्ती पर उतर आए, जिसके बाद पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करके लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा.
रालोद ने लाठी चार्ज का एक वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट किया, जो तत्काल वायरल हो गया. वीडियो में पुलिस जयंत चौधरी समेत कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज करती दिख रही है. वहीं पुलिस का कहना है कि वीडियो से छेडछाड की गई है. रालोद प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर मसूद ने बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज की भर्त्सना करते हुए कहा, '' प्रदेश में दमनकारी नीतियों की पोषक भाजपा सरकार अपनी एनकाउंटर और लाठीबाज पुलिस द्वारा विपक्ष की आवाज दबाने की नाकाम कोशिश कर रही है.निहत्थे कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज कराया जाना सरकार की निरंकुशता का परिचायक है.'' इस मामले में रालोद ने आठ अक्टूबर को प्रदर्शन की चेतावनी दी है. इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने घटना की निंदा की.
प्रियंका ने ट्वीट किया, '' राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी पर यूपी पुलिस द्वारा किया गया ये व्यवहार बहुत ही निंदनीय है. विपक्षी नेताओं पर इस तरह की हिंसा.'' वाद्रा ने लिखा, '' ये यूपी सरकार के अहंकार और सरकार के अराजक हो जाने का सूचक है. शायद ये भूले गये हैं कि हमारा देश एक लोकतंत्र है. जनता इन्हें ये याद दिलाएगी.'' समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी लाठी चार्ज की निंदा की. उन्होंने ट्वीट किया, '' हाथरस में बलात्कार की शिकार मृतका के परिवार से मिलने गये राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता जयंत चौधरी पर शासन, प्रशासन और पुलिस का लाठी चार्ज घोर निंदनीय है. सरकार दंभ छोड़कर उन्हें तत्काल सुरक्षा दे.''
Source : Bhasha