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लखीमपुर हिंसा मामले में अब तक 24 लोगों की हुई शिनाख्त, 7 हिरासत में, STF करेगी जांच

Lakhimpur Khiri Violence: पूरे मामले में पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और बलवा सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

Updated on: 04 Oct 2021, 01:08 PM

लखीमपुर खीरी:

लखीमपुर खीरी हिंसा का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. रविवार शाम किसानों और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समर्थकों के बीच हुए हिंसक झड़प की जांच अब एसटीएफ (STF) करेगी. सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ आज शाम से ही जांच अपने हाथ में ले सकती है. जानकारी के मुताबिक इस मामले में पुलिस अब तक वायरल वीडियो के आधार पर 24 लोगों की शिनाख्त कर चुकी है. पुलिस सात लोगों से इस मामले में पूछताछ भी कर रही है. 

लखीमपुर खीरी में कल क्या हुआ?
लखीमपुर जिला मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गांव में हुई हिंसा और आगजनी में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. खीरी से सांसद और केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के गांव बनबीरपुर में डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का पहले से तय कार्यक्रम था. डेप्युटी सीएम के रूट पर कुछ किसान काले झंडे लेकर खड़े थे, तभी एक काली जीप ने कुछ किसानों को टक्कर मार दी. लखीमपुर खीरी में फैली हिंसा में अब तक कुल 9 लोगों की जान गई है.

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बीजेपी सांसद अजय मिश्रा के बेटे के खिलाफ एफआईआर
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं. अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया कि इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा सहित कई अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया हैं. उन्होंने कहा कि अभी एफआईआर की कॉपी उपलब्ध नहीं हुई है इसलिए किन- किन धाराओं में मामला दर्ज हुआ है इस बारे में जानकारी नहीं है.

सीबीआई जांच को लेकर याचिका दाखिल
अब इस मामले की सीबीआई जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. यह याचिका स्वदेश एनजीओ और प्रयागराज लीगल एड क्लीनिक की ओर से दाखिल की गई है. इसके तहत यह अपील की गई है कि यदि इस मामले की सीबीआई जांच की जाती है तो इसकी पूरी निगरानी हाईकोर्ट द्वारा किया जाए. साथ ही यह भी मांग की गई है कि इस मामले में यदि कोई भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. संस्थाओं की तरफ से एडवोकेट गौरव द्विवेदी ने यह याचिका दाखिल की है.