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उन्नाव रेप कांड: 15 महीने बाद भी नहीं रद्द हुआ कुलदीप सेंगर के बंदूक का लाइसेंस

उन्नाव रेप कांड मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह के असलहों का लाइसेंस 15 महीनों के बाद भी निरस्त नहीं हुआ हैं. हाईकोर्ट ने सेंगर के असलहों के लाइसेंस को लेकर सीबीआई को रिपोर्ट सौंपने को कहा था.

Updated on: 02 Aug 2019, 02:55 PM

highlights

  • सीबीआई ने की थी लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश
  • डीएम ने कहा कि मामला कोर्ट में है
  • आज इस मामले पर होनी है सुनवाई

लखनऊ:

उन्नाव रेप कांड मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह के असलहों का लाइसेंस 15 महीनों के बाद भी निरस्त नहीं हुआ हैं. हाईकोर्ट ने सेंगर के असलहों के लाइसेंस को लेकर सीबीआई को रिपोर्ट सौंपने को कहा था. सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए यह सिफारिश की थी कि लाइसेंस को रद्द कर दिया जाए.

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बताया जा रहा है कि रेप के आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर के पास तीन असलहे हैं. तीनों का लाइसेंस 15 महीनों के बाद भी नहीं निरस्त किया गया है. इस मामले में उन्नाव के डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय ने कहा है कि विधायक के पास तीन असलहे हैं. एक सिंगल बैरल बंदूक, रायफल और रिवाल्वर विधायक के पास हैं.

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शस्त्र लाइसेंस का निरस्तीकरण एक न्यायिक कार्रवाई है न कि प्रशासनिक. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासनिक कार्रवाई होती तो बिना पक्षों को सुने भी कार्रवाई हो सकती थी. शस्त्रों के निरस्तीकरण के मामले में आज कोर्ट में तारीख लगी हुई है. डीएम का कहना है कि न्यायायिक कार्रवाई एक प्रक्रिया के तहत होती है.

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इसमें पक्षकारों को सुनने के बाद निर्णय लिया जाता है. उन्होंने बताया कि कुलदीप सेंगर के प्रकरण में रिपोर्ट आई थी और मई के महीने में कुलदीप सेंगर के वकील ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा था. वहीं जून और जुलाई में वकीलों की हड़ताल के चलते न्यायिक कार्य बाधित रहा. डीएम ने इस मामले को लेकर कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर के भाई जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह का लाइसेंस निरस्त किया जा चुका है.