उत्तर प्रदेश का कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश में केंद्रीय संस्था के रूप में प्रसिद्ध है. यहां से होकर कई नदियां बहती हैं, जिसकी वजह से जमीन भी काफी उपजाऊ है. यह लखनऊ-गोरखपुर रोड पर एनएच-28 पर स्थित है. इसकी स्थापना 1985 में हुई थी. कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार, 2021 भी मिल चुका है.
कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती की देश में अलग पहचान
केवीके बस्ती लगातार कृषि के क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) बस्ती, राज्यभर में कृषि से संबंधित शोध, तकनीकी जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण संस्थान है. इसका एकमात्र उद्देश्य है कि स्थानीय किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों, फसलों की देखभाल और बेहतर कृषि प्रथाओं से अवगत करा सके.
किसानों को बेहतरीन फसलों के लिए किया जाता है प्रशिक्षित
इससे किसानों को काफी लाभ मिल रहा है. केवीके किसानों को लगातार नई-नई प्रजातियों के बीज, फल-सब्जियां और कई प्रकार के पौधों की नई प्रजातियां उपलब्ध करा रही है. किसानों को नई-नई तकनीक के बारे में बताया जाता है और बेहतरीन खेती के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.
आम की मिलती है 13 प्रजातियां
यहां किसी भी फल और सब्जियों की कई प्रकार की किस्में मिलती है. यहां पर सिर्फ आम की 13 प्रजातियां पाई जाती है. यह नेशनल लेवल का केंद्र है. 2019 में केवीके बस्ती पहले स्थान पर चुना गया था तो वहीं 2021 में केवीके को देश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था.
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2 सालों तक किया जाता है ट्रायल
यहां के वैज्ञानिक बताते हैं कि केंद्र का मुख्य कार्य किसानों को अच्छी फसल के लिए उन्नतशील बीज प्रदान करना है. देश के दूसरे कोने या विदेशों से आने वाले पौधों पर 2 सालों तक जनपद के जलवायु के अनुरूप ट्रायल किया जाता है. ये किसान भाई-बहनों के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं.
कृषि विकास के लिए किया जाता है काम
ये किसानों को तकनीकी सहायता भी देते हैं और किसानों को कृषि में आने वाली समस्याओं का समाधान प्रदान करते हैं. यहां लगातार नई कृषि तकनीकों और फसलों पर अनुसंधान करना है. विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर कृषि विकास के लिए प्रयास करना.