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जानिए क्या है कानपुर के मंदिर परिसर में बिरयानी बेचने के मामले की सच्चाई

सच्चाई जानने के लिए हमने पुलिस (Police) की मदद से मौके की वास्तविकता समझी. मौके पर हमने देखा कि जिस प्राचीन शिव मंदिर (Ancient Shiva Temple) के चबूतरे पर बिरयानी बेचने की बात सामने आयी थी, वो दुकान (Biryani Shop) अब बंद थी, लेकिन बाहर उस दुकान का कुछ सामान रखा था.

Updated on: 29 May 2021, 03:33 PM

highlights

  • कानपुर के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में मंदिरों पर कब्जा
  • पुराने शिवमंदिर के परिसर में बिरयानी बेचने का मामला
  • न्यूज नेशन की ग्राउंड रिपोर्ट के बाद सामने आई सच्चाई

कानपुर:

कानपुर (Kanpur) में एक प्राचीन मंदिर परिसर (Ancient Temple Premise) में बिरयानी बेचने (Selling Biryani) के मामले में न्यूज़ नेशन/स्टेट ग्राउंड ज़ीरो (Ground Report) पर पहुंचा. हालांकि मौके पर हमें स्थानीय लोगों का विरोध झेलना (Oppose of Locla People) पड़ा. लेकिन सच्चाई जानने के लिए हमने पुलिस (Police) की मदद से मौके की वास्तविकता समझी. मौके पर हमने देखा कि जिस प्राचीन शिव मंदिर (Ancient Shiva Temple) के चबूतरे पर बिरयानी बेचने की बात सामने आयी थी, वो दुकान (Biryani Shop) अब बंद थी, लेकिन बाहर उस दुकान का कुछ सामान रखा था. कुछ लोगों ने भी यहां बिरयानी बिकने की हमसे पुष्टि की.

वहीं इस शिव मंदिर से 2 मकान छोड़कर उस प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर का मलबा (Debris of the ancient Radha-Krishna temple) पड़ा था. दरअसल ये मंदिर कुछ दिन पहले ही भरभरा कर अचानक गिर पड़ा (Suddenly collapsed) था. मंदिर परिसर जिस जगह है उसके मालिक का आरोप है कि मंदिर पर यहां के कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा था. फिलहाल स्थानीय लोगों ने यहां मौजूद प्राचीन मंदिरों (Ancient Temple) पर कब्जे से इंकार किया है. 

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कानपुर के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में प्राचीन मंदिरों पर कब्जे के आरोप (Charges of occupying ancient temples in Muslim-dominated areas of Kanpur) के बाद बजरंग दल ने जांच की मांग की है. बजरंग दल के जिला संयोजक के मुताबिक इन इलाकों में करीब ऐसे सौ साल से अधिक पुराने सैकडों मंदिर मौजूद हैं. इन्होंने अधिकारियों को मामले में जांच करने की अपील की है. बेकनगंज में वो राधा कृष्ण मंदिर जो कुछ दिन पहले ढहा था, उस परिसर के मालिक अनिल गुप्ता ने न्यूज़ नेशन/स्टेट से बातचीत की. उनके मुताबिक उनके मंदिर परिसर पर वहां कब्जा कर लिया गया था.

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उन्होंने बताया कि इलाके में और भी मंदिर मौजूद हैं, जिन पर कब्जा कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि साल 1931 में जब कानपुर में पहला हिंदू-मुस्लिम दंगा (Hindu Muslim Riots) हुआ था, तब वो और उनके जैसे कई परिवार ने किसी तरह अपनी जाम बचाई थी और वहां से पलायन कर गये थे. उन्होंने हमसे राधा कृष्ण मंदिर की पुरानी तस्वीरें भी साझा की. तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि कैसे मंदिर के सामने दुकान लगाकर कब्जा कर लिया गया था.