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कौन था बिकरू नरसंहार का असली सूत्राधार, हो गया अब खुलासा

बाल गोविंद दुबे ने एसटीएफ को बताया कि विकास दुबे के खिलाफ शिकायत करने वाले राहुल तिवारी का उसके दामाद विनीत के साथ संपत्ति का झगड़ा चल रहा था. इसी एफआईआर पर बिकरू पुलिस छापेमारी करने गई थी और उसने विकास दुबे के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था

Updated on: 16 Aug 2020, 01:05 PM

लखनऊ:

पिछले सप्ताह चित्रकूट से गिरफ्तार किए गए विकास दुबे का सहयोगी बाल गोविंद दुबे ने स्वीकार किया है कि वह और उसका दामाद विनीत 3 जुलाई को हुए बिकरू नरसंहार के मुख्य कारण थे. इस हत्याकांड में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे.

बाल गोविंद दुबे ने एसटीएफ को बताया कि विकास दुबे के खिलाफ शिकायत करने वाले राहुल तिवारी का उसके दामाद विनीत के साथ संपत्ति का झगड़ा चल रहा था. इसी एफआईआर पर बिकरू पुलिस छापेमारी करने गई थी और उसने विकास दुबे के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था.

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एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संपत्ति को लेकर विवाद के अलावा इस साल अप्रैल में बाल गोविंद के दामाद की बहन के साथ कथित तौर पर भागकर शादी के बाद से राहुल के साथ उनका विवाद बढ़ गया. इसके अलावा उसने पुलिस को बताया कि राहुल ने विनीत की भैंस को अवैध रूप से बेच दिया था जिसे लेकर चौबेपुर पुलिस स्टेशन में एक अलग मामला दर्ज किया गया था.

एसटीएफ अधिकारी ने बताया कि जुलाई की घटना से दो दिन पहले पुलिस ने राहुल को हिरासत में लिया था और पूछताछ के लिए उसे बाल गोविंद के घर ले गई थी. इस दौरान विकास दुबे और उसके पांच सहयोगी भी मौजूद थे. तब विकास ने जेल में बंद चौबेपुर के थानेदार विनय तिवारी के मोबाइल फोन को छीन लिया और राहुल तिवारी की पिटाई कर दी। पुलिस ने जल्दबाजी में राहुल को थाने से भगा दिया।

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बाल गोविंद दुबे को चित्रकूट जिले के कर्वी कोतवाली क्षेत्र में कामतानाथ मंदिर परिक्रमा से गिरफ्तार किया गया था और पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि वह और उनका दामाद बिकरू कांड की मुख्य वजह थे.

बता दें कि बाल गोविंद विकास दुबे का दूर का चचेरा भाई भी है.