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गाजीपुर बॉर्डर पर थोड़ी देर में खापों की महापंचायत, तय होगी रणनीति

कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन का गुरुवार को 22वां दिन है. गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार को किसानों की महापंचायत बुलाई गई है.

Updated on: 17 Dec 2020, 02:07 PM

गाजीपुर/गाजियाबाद:

दिल्ली की सीमा पर कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन का गुरुवार को 22वां दिन है. गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार को किसानों की महापंचायत बुलाई गई है. इसमें खापों के प्रतिनिधि शामिल होंगे जिनका फिलहाल इंतजार किया जा रहा है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आज हम खाप पंचायतों की बैठक करेंगे जिसमें इस कानून को लेकर चर्चा करेंगे. खापों के प्रतिनिधि जैसे ही यहां आ जायेंगे, हम अपनी महापंचायत शुरू कर देंगे.

भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कुल 84 खाप है इसके पहले से कुछ प्रतिनिधि हरियाणा, राजस्थान में हैं. सोमवीर सांगवान खाप पहले से हमारे साथ हैं जो टिकरी बॉर्डर पर मौजूद हैं. आज की बैठक में इन्ही खापों के प्रतिनिधि पहुंचेंगे.

मालिक, तोमर और बालियान खाप, गठवाला खाप, बत्तीसा खाप, अहलावत खाप के अलावा लाटीयान खाप, सोरोई खाप, फोगाट खाप, राठी खाप, चौहान खाप चौगामा आदि खापें है जो आज की महापंचायत में शामिल होंगी. जिनके प्रितिनिधि गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेंगे. दरअसल किसानों को बॉर्डर पर संघर्ष करते देख इन्ही खापों के चौधरी बॉर्डर पर पहुंचेंगे और किसानों को अपना समर्थन देंगे. हालांकि ये खाप पंचायत दोपहर बाद शुरू होगी, जिसकी शाम तक चलने की संभावना जताई जा रही है.

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर में कई खापों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किए जा रहे किसान आंदोलन को समर्थन दिया है और वह 17 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे. 'अखिल खाप परिषद' के सचिव सुभाष बालियान ने कहा कि शाहपुर पुलिस थानांतर्गत क्षेत्र के शोरम गांव में सोमवार को हुई खाप प्रमुखों की बैठक में यह निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि खाप प्रमुखों ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी करार दिया और उन्हें वापस लेने की मांग की.