KGMU की जांच में चीन-कोरिया की कोरोना किट फेल, चलन में लाने की मान्यता नहीं दी

मरीज पॉजिटिव है या निगेटिव इस टेस्ट किट से ये पता किया गया लेकिन टेस्ट किट ने गलत रिपोर्ट बताया. इसको उपयोग करने से मना कर दिया.

author-image
Sushil Kumar
एडिट
New Update
प्रतीकात्मक फोटो

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ (KGMU) की जांच में चीन और कोरिया की कोरोना किट फेल हुई. ट्रॉयल के लिए आई इन किटों का इस्तेमाल भर्ती मरीजों की जांच में किया गया था. पॉजिटिव मरीजों (Corona Positive) को किट ने निगेटिव करार दिया. एलाइजा जांच में मरीज पॉजिटिवि मिले. केजीएमयू ने दोनों देशों की किट को चलन में लाने की मान्यता नहीं दी. मरीज पॉजिटिव है या निगेटिव इस टेस्ट किट से ये पता किया गया लेकिन टेस्ट किट ने गलत रिपोर्ट बताया. इसको उपयोग करने से मना कर दिया.

Advertisment

यह भी पढ़ें- विशाखापट्टनम में देर रात कैसे लीक हुई स्‍टीरिन गैस, 10 प्‍वाइंट में जानें पूरी कहानी

भारत भी इन्हीं देशों में से एक

कोरोना वायरस (Corona Virus) के वैश्विक प्रचार-प्रसार में चीन (China) की भूमिका संदिग्ध होने के बाद उस पर वैश्विक दबाव बढ़ गया है. इसके अलावा विभिन्न देशों को कोरोना जांच से संबंधित उपकरणों की घटिया आपूर्ति कर चीन ने औऱ दुश्मनी मोल ले ली है. मदद के नाम पर चिकित्सकीय सामग्री हासिल करने वाले देशों ने इनके घटियापन को लेकर आवाज मुखर की है. भारत भी इन्हीं देशों में से एक है, जिसे चीन से मिली जांच किटों (Test Kit) को गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं पाया गया था. यहां तक कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने इनके इस्तेमाल पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी थी. इन दो मोर्चों पर हो रही फजीहत के बाद पहली बार चीन सुरक्षात्मक मुद्रा में आया है. जांच किट्स की आपूर्ति से जुड़ी दो कंपनियों ने इसको लेकर गहरी निराशा व्यक्त की है. हालांकि चीन का बयान सामने आया है और उसने उल्टा भारत पर ही लापरवाही का आरोप लगा दिया है.

यह भी पढ़ें- विशाखापट्टनम में कैमिकल गैस लीक होने से 7 लोगों की मौत, पीएम मोदी ने की सीएम जगनमोहन से की बात

घटियापन को लेकर आवाज मुखर की 

कोरोना वायरस (Corona Virus) के वैश्विक प्रचार-प्रसार में चीन (China) की भूमिका संदिग्ध होने के बाद उस पर वैश्विक दबाव बढ़ गया. इसके अलावा विभिन्न देशों को कोरोना जांच से संबंधित उपकरणों की घटिया आपूर्ति कर चीन ने औऱ दुश्मनी मोल ले ली. मदद के नाम पर चिकित्सकीय सामग्री हासिल करने वाले देशों ने इनके घटियापन को लेकर आवाज मुखर की. भारत भी इन्हीं देशों में से एक है, जिसे चीन से मिली जांच किटों (Test Kit) को गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं पाया गया था. यहां तक कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने इनके इस्तेमाल पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी थी. इन दो मोर्चों पर हो रही फजीहत के बाद पहली बार चीन सुरक्षात्मक मुद्रा में आया है. जांच किट्स की आपूर्ति से जुड़ी दो कंपनियों ने इसको लेकर गहरी निराशा व्यक्त की है. हालांकि चीन का बयान सामने आया है और उसने उल्टा भारत पर ही लापरवाही का आरोप लगा दिया.

यह भी पढ़ें- बच्चे को जन्म देने के 3 दिन बाद ही महिला कॉन्सटेबल की कोरोना से मौत

पहले भारत पर ही मढ़ा था दोष

पहले चीन की कंपनियों ने कहा था कि रैपिड एंटीबॉडी परीक्षण किट का उपयोग बंद करने के भारतीय चिकित्सा निकाय के फैसले को लेकर उनके उत्पाद गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हैं. साथ ही कहा कि कई अन्य देशों में भी इन्‍हें निर्यात किया गया है. चीन ने भारत पर ही टेस्टिंग किट के सही इस्‍तेमाल न करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि रैपिड टेस्टिंग किट का सही इस्तेमाल करने के कुछ तरीके हैं. यह अलग बात है कि कोविड-19 के लिए पांच लाख त्वरित जांच किटों की भारत को आपूर्ति करने वाली दो चीनी फार्मा कंपनियों का कहना है कि भारत में अपने उत्पादों के बारे में नकारात्मक रिपोर्टों को जानकर वे बहुत निराश हैं. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा राज्यों से किटों की खराब गुणवत्ता के कारण इन्हें उपयोग न करने के लिए कहने के कुछ दिनों बाद कंपनियों की यह प्रतिक्रिया आयी है. ग्वांग्झू वोंड्फो बायोटेक और लिवजोन डायग्नॉस्टिक्स ने अलग-अलग बयानों में कहा कि उनके उत्पादों का उपयोग कई देशकर रहे हैं और उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करना ही उनका लक्ष्य रहा है.

Test china KGMU patient
      
Advertisment