वाराणसी में अब दो पशु रखने पर होगा एफआईआर, पशु होंगे जप्त
वाराणसी में दो से ज्यादा मवेशी रखने पर अब एफआईआर हो सकती है. वाराणसी में दो से ज्यादा मवेशी रखने पर एफआईआर के साथ पशु भी जब्त किया जा सकता है.
वाराणसी :
वाराणसी में दो से ज्यादा मवेशी रखने पर अब एफआईआर हो सकती है. वाराणसी में दो से ज्यादा मवेशी रखने पर एफआईआर के साथ पशु भी जब्त किया जा सकता है. वाराणसी नगर निगम ने नियम के अनुसार दो से ज्यादा पशु पालन नहीं कर सकते है. जिले में अब दो से अधिव मवेशी पालन करने पर मवेशी पालक को पशुपालन विभाग से पशुओं की टैगिंग करानी होगी. वाराणसी में दो से ज्यादा मवेशी रखने पर अब एफआईआर हो सकती है. वाराणसी में दो से ज्यादा मवेशी रखने पर एफआईआर के साथ पशु भी जब्त किया जा सकता है. वाराणसी नगर निगम के अनुसार दो से ज्यादा पशु पालन नहीं कर सकते है. जिले में अब दो से अधिव मवेशी पालन करने पर मवेशी पालक को पशुपालन विभाग से पशुओं की टैगिंग करानी होगी.
वाराणसी नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी ने बताया कि व्यवासायिक डेयरी को शहर से विस्थापित करने के मकसद से यह कार्रवाई की जा रही है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका के बाद दिए गए आदेश पर यह निर्देशित किया गया है. कोरोना संकट के चलते यह आदेश अब तक लागू नहीं हो सका था. वाराणसी नगर निगम सीमा में कोई भी पशुपालक अपने पास दो से ज्यादा गोवंश नहीं रख सकता है. हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना पर न केवल पशु जब्त किए जाएंगे बल्कि पशुपालक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी. इतना ही नहीं पशुपालक को दो गोवंशी पशुओं को पालने के लिए भी पशुपालन विभाग से संपर्क कर पशुओं की टैगिंग कराना अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसा न करने पर पशुपालक की डेयरी को व्यवसायिक मानकर नगर निगम की सीमा के बाहर विस्थापित करा दिया जायेगा.
इस नियम को लागू करवाने के लिए पूरी टीम बन चुकी है जिसमें पुलिस-प्रशासन के साथ ही नगर निगम प्रशासन भी शामिल है. 10 पशु बंदी वाहन भी लगा दिए गए हैं. सभी डेयरी को चिन्हित करके शहर से बाहर निकालने का काम चल रहा है और बहुत जल्द यह पूरा कर लिया जायेगा. कार्रवाई के तहत पहले दिन एक हजार रूपया जुर्माना, दो सौ खुराकी, दोबारा पकड़े जाने पर शपथपत्र के साथ 2 हजार जुर्माना और 2 सौ रूपया खुराकी और तीसरी बार उल्लंघन करने पर हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक एफआईआर दर्ज कर पशु जब्त करने के भी आदेश है.
वाराणसी के महापौर का कहना है की इस नियम को बहुत पहले लागू होना था पर कोरोना महामारी के कारण लागू नहीं हो सका था पर अब इसे कड़ाई से लागू किया जा रहा है ताकि कोई आवारा पशु इस तरह से न घूमे और गंदगी न फैले. बता दें कि दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी लोग है जो इसे तुगलकी फरमान मान रहे हैं. उनका कहना है की जिसकी पशुओं से ही कमाई है वो अब क्या करेगा और शहर से बाहार कैसे जाएगा.
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