कश्मीरी छात्रों ने ठुकराया सीएम योगी का न्योता, बोले- आर्टिकल 370 हटाने का फैसला गलत

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू एवं कश्मीर में धारा 370 को रद्द करने का फायदा बताने के लिए कश्मीरी छात्रों को आमंत्रित किया था.

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू एवं कश्मीर में धारा 370 को रद्द करने का फायदा बताने के लिए कश्मीरी छात्रों को आमंत्रित किया था.

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Dalchand Kumar
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कश्मीरी छात्रों ने ठुकराया UP के मुुख्यमंत्री का न्योता

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों ने 28 सितंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के साथ मुलाकात करने के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है. कश्मीरी छात्रों ने सीएम योगी के बुलावे पर 28 सितंबर को लखनऊ आने से साफ इनकार कर दिया है. छात्रों ने कहा कि हमने एक साथ इस निमंत्रण को अस्वीकार करने का फैसला लिया है. छात्रों के अनुसार, उन्हें मिला निमंत्रण 'राजनीति से प्रेरित' और 'अस्वीकार्य' है.

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दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू एवं कश्मीर में धारा 370 को रद्द करने का फायदा बताने के लिए कश्मीरी छात्रों को आमंत्रित किया था. इस पर कश्मीरी छात्रों ने एकमत होते हुए कहा है कि अगर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत कल कोई भी कश्मीरी छात्र लखनऊ आकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करता है तो वो उसका निजी फैसला होगा और वो एएमयू के कश्मीरी छात्रों को प्रतिनिधित्व नहीं करेगा. 

कश्मीरी छात्रों का मानना है कि हम कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फायदे और नुकसान दोनों ही पहले से जानते हैं, इसीलिए हमें इस बारे में किसी और से समझने की जरूरत नहीं है. अगर इस मुद्दे पर कश्मीरी छात्रों से बात करनी है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह निमंत्रण भेजें, हम उनके सामने अपनी बात रखेंगे.

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विश्वविद्यालय के कश्मीर छात्रों ने कहा कि सरकार का यह कदम पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. छात्रों ने कहा कि वे पूरी दुनिया को यह दिखाना चाहते हैं कि वहां सब कुछ सामान्य है और सभी उनके विवादास्पद निर्णय से खुश हैं, जबकि यह पूरी तरह से गलत है.

छात्रों ने कहा कि एएमयू में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र राजनेताओं के हाथों की कठपुतली नहीं बनने वाले हैं, ताकि वे यह दिखा सकें कि कश्मीर के निवासियों के साथ उनका संबंध कितना अच्छा है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि यदि केंद्र में बैठी सरकार ने हमारे राजनीतिक भाग्य का फैसला करते समय हमसे नहीं पूछा या न सलाह ली, यहां तक कि उन्होंने हमें हमारे प्रियजनों से बात करने पर भी पाबंदी लगा दी है, तो उन्होंने किस नैतिकता के आधार पर हमें बातचीत के लिए निमंत्रण भेजा है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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