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कानपुर शेल्टर होम मामले में BSP चीफ मायावती ने सरकार पर बोला हमला, की उच्च-स्तरीय जांच की मांग

कानपुर के एक सरकारी आश्रयगृह में 57 नाबालिग लड़कियों में से कई के गर्भवती और कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश में बवाल मच गया है.

Updated on: 23 Jun 2020, 12:07 PM

लखनऊ:

कानपुर (Kanpur) के एक सरकारी आश्रयगृह में 57 नाबालिग लड़कियों में से कई के गर्भवती और कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश में बवाल मच गया है. जहां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है, तो वहीं विपक्षी दलों ने हमला बोला है. इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती (Mayawati) ने योगी आदित्यनाथ की सरकार को घेरते हुए मामले की उच्च-स्तरीय निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.

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बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, 'कानपुर राजकीय संरक्षण गृह में काफी बहन-बेटियों के कोरोना संक्रमित होने व कुछ के गर्भवति होने की खबर से सनसनी व चिन्ता की लहर दौड़ना स्वाभाविक ही है जो पुनः साबित करता है कि यूपी में महिला सम्मान तो दूर उनकी सुरक्षा के मामले में सरकार उदासीन, लापरवाह व गैर-जिम्मेदार बनी हुयी है.'

उन्होंने आगे लिखा, 'इससे पहले आजमगढ़ में दलित बेटी के साथ अन्याय के मामले में जब सरकार ने सख्त कार्रवाई की थी तो यह देर आए दुरूस्त आए लगा था, किन्तु सर्वसमाज की बहन-बेटियों के साथ लगातार होने वाली अप्रिय घटनाओं से स्पष्ट है कि आजमगढ़ की कार्रवाई केवल एक अपवाद थी, सरकार की नीति का हिस्सा नहीं.'

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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'अतः बीएसपी की मांग है कि यूपी सरकार कानपुर बालिका संरक्षण गृह के घटना की लीपापोती न करे, बल्कि इसको गंभीरता से ले व इसकी उच्च-स्तरीय निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. साथ ही, यूपी के सभी बालिका गृह के व्यवस्था में अविलम्ब जरूरी मानवीय सुधार लाए तो बेहतर है.'

बता दें कि कानपुर के एक सरकारी आश्रयगृह में 57 नाबालिग लड़कियां कोविड-19 से संक्रमित पाई गई हैं. जिनमें से 5 गर्भवती हैं और एक को एड्स है. हालांकि उस पर कानुपर जिला प्रशासन ने रविवार को सफाई दी थी कि आश्रयगृह में लाए जाने के समय ही लड़कियां गर्भवती थीं. इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर लड़कियों की स्वास्थ्य स्थिति, चिकित्सा उपचार और परामर्श को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. इस मामले में दर्ज प्राथमिकी और अब तक की गई जांच को लेकर उत्तर प्रदेश के डीजीपी को रिपोर्ट सौंपने के लिए भी नोटिस जारी किया गया है.