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कानपुर एनकाउंटर: विकास दुबे की कॉल डिटेल में कई पुलिसवालों के नंबर, एक दरोगा ने दी थी पुलिस के आने की जानकारी

कानपुर मुठभेड़ मामले की गुत्थी पुलिस धीरे-धीरे सुलझा रही है. यूपी पुलिस पूरी रात जगह-जगह छापेमारी की. सभी लोगों के जहन में एक ही सवाल चल रहा था. आखिर विकास दूबे को किसने सूचना दी कि पुलिस छापेमारी करने जा रही है.

Updated on: 04 Jul 2020, 11:35 AM

कानपुर:

कानपुर एनकाउंटर (Kanpur Encounter) मामले की गुत्थी पुलिस धीरे-धीरे सुलझा रही है. यूपी पुलिस पूरी रात जगह-जगह छापेमारी की. सभी लोगों के जहन में एक ही सवाल चल रहा था. आखिर विकास दूबे (Vikas dubey) को किसने सूचना दी कि पुलिस छापेमारी करने जा रही है. इसका जवाब यूपी पुलिस को मिल गया है. यूपी पुलिस का मोस्ट वांटेड चेहरा बने विकास दुबे ने 8 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था. सूत्रों ने बताया कि चौबेपुर थाने के ही एक दारोगा ने विकास दुबे को पुलिस रेड की सूचना पहले ही दे दी थी.

12 लोग हिरासत में

शुक्रवार रात पुलिस की करीब बीस टीमें अलग-अलग जिलों में मॉस्ट वांटेड विकास दुबे की तलाश में दबिश देती रही. ये वो जगहें थीं, जहां पर विकास दुबे के रिश्तेदार और परिचित रहते हैं. पुलिस ने इस मामले में 12 और लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है. पुलिस ने इन लोगों को मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर उठाया है. छानबीन में पुलिस को पता चला है कि पिछले 24 घंटे में जिन लोगों से विकास दुबे की बातचीत हुई है, जिसमें कुछ पुलिसवालों के नंबर भी सामने आए हैं. ये बेहद हैरान करने वाला तथ्य सामने आया है. आखिर एक पुलिस कैसे दूसरे पुलिस के लिए जान के दुश्मन बन गए. 

पुलिस के शक के घेरे में एक दारोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड, पोस्टमार्टम रिपोर्ट

जानकारी के मुताबिक पुलिस की जांच में सामने आया है कि चौबेपुर थाने के ही एक दारोगा ने विकास दुबे को पुलिस के आने की जानकारी पहले ही दे दी थी. इस वक्त पुलिस के शक के घेरे में एक दारोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड है. तीनों की कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. कानपुर एनकाउंटर (Kanpur Encounter) के मामले में पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है. पुलिसकर्मियों (UP Police) के सिर, चेहरे, हाथ, पैर, सीने और पेट में गोलियां लगी थीं. कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सिपाही सुल्तान को दो गोलियां मारी गईं. अन्य पुलिसकर्मियों को आठ से दस गोलियां मारी गईं, जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई. पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर शरीर पर गोलियों के निशान देखकर दंग रह गए. पुलिसकर्मियों के सिर, चेहरे, हाथ, पैर, सीने और पेट में गोलियां लगीं. सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र के चेहरे पर एक गोली लगने से वाइटल ऑर्गन बाहर आ गया और उन्होंने तुरंत दम तोड़ दिया.

ज्यादातर गोलियां शरीर के पार हो गईं

डॉक्टरों के अनुसार, यही हाल अन्य पुलिसकर्मियों का भी हुआ होगा. ज्यादातर गोलियां शरीर के पार हो गईं. तीन पुलिसकर्मियों के शरीर में गोलियों के टुकड़े जरूर मिले जो हड्डियों से टकराने से कई टुकड़ों में बंट गए. गोलियां रायफल की बताई जा रही हैं. पोस्टमार्टम के दौरान मिले गोलियों के टुकड़ों को परीक्षण के लिए भेजा जाएगा. सीएमओ डॉ. अशोक कुमार शुक्ला के निर्देश पर चार डिप्टी सीएमओ, आठ डॉक्टरों व तीन वीडियोग्राफर की टीम शहीद पुलिसकर्मियों के पोस्टमार्टम में रही. इनमें डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी मिश्र, डॉ. एसके सिंह, डॉ. अवधेश गुप्ता, डॉ. अरविंद यादव के निर्देशन में डॉ. विपुल चतुर्वेदी, डॉ. बीसी पाल, डॉ. परवीन सक्सेना, डॉ. राहुल कुमार वर्मा, डॉ. जीएन द्विवेदी, डॉ. शैलेंद्र कुमार और डॉ. धीरेंद्र कुमार ने पोस्टमार्टम किया. इस दौरान वीडियोग्राफी भी की गई.