गजब! जिस बहन के अपहरण के आरोप में एक साल से बंद हैं दो भाई, वो भैया दूज पर टीका करने मायके पहुंची

Kanpur Crime: दो भाई एक साल से जेल में सजा काट रहे थे उन्हीं की बहन भैया दूज के दिन टीका करने मायके पहुंच गई. हैरानी की बात तो ये है कि इसबारे में खुद बहन को भी नहीं पता था. 

Kanpur Crime: दो भाई एक साल से जेल में सजा काट रहे थे उन्हीं की बहन भैया दूज के दिन टीका करने मायके पहुंच गई. हैरानी की बात तो ये है कि इसबारे में खुद बहन को भी नहीं पता था. 

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Yashodhan.Sharma
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Kanpur case on Bhaidooj

उत्तर प्रदेश के कानपुर से भाई दूज पर बेहद अजब-गजब मामला सामने आया है. यहां जिस बहन के अपहरण के मामले में दो भाई एक साल से जेल में सजा काट रहे थे उन्हीं की बहन भैया दूज के दिन टीका करने मायके पहुंच गई. हैरानी की बात तो ये है कि इसबारे में खुद बहन को भी नहीं पता था. 

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बताया जा रहा है कि दोनों भाइयों को उनके ही जीजा ने अपहरण के आरोप में जेल में बंद करवाया था. इतना ही नहीं महिला के माता-पिता और रिश्तेदार भी जेल जाने से बचने के लिए इधर, उधर भाग रहे हैं.

मामला इतना गंभीर है कि इसकी जांच हाई कोर्ट के आदेश पर हो रही है. यूपी के डीजीपी मुख्यालय से इसकी तफ्तीश करवाई जा रही है. एडीजी जोन के निर्देशानुसार क्राइम ब्रांच जांच में जुटी है. इतना ही नहीं उसकी तलाश न कर पाने पर एक दारोगा सस्पेंड हो चुका है और दो का ट्रांसफर हो चुका है. फिलहाल, पुलिस अब इस महिला को बच्चों के साथ कोर्ट में पेश करके हाई कोर्ट में इसके बरामद होने के दस्तावेज पेश करेगी. 

ये है पूरा मामला 

बता दें कि कुछ साल पहले कानपुर के शिवराजपुर के रहने वाले श्याम नारायण अग्निहोत्री की शादी रनिया की रहने वाली राखी से हुई थी. इसके बाद एक-एक करके उनको तीन बच्चे हो गए, लेकिन मई 2023 में अचानक राखी एक दिन अपने तीनों बच्चों के साथ घर से गायब हो गई. श्याम नारायण ने अपने ससुराल वालों पर अपनी पत्नी और बच्चों के अपहरण का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने जांच की तो महिला और बच्चों का कुछ पता नहीं चला तो उसने फाइनल रिपोर्ट लगा दी. 

हाई कोर्ट जा पहुंचा पति 

इसके बाद पति श्याम नारायण ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इसके बाद अदालत ने जांच का आदेश जारी किया और मामला डीजीपी मुख्यालय तक पहुंच गया. हाई कोर्ट ने डीजीपी मुख्यालय को जांच करने के लिए आदेश दिए. इसके बाद जांच अधिकारी बदला गया और फिर तीसरे जांच अधिकारी ने अपहरण के आरोप में महिला राखी के भाई राजू दुबे और अशोक को जेल भेज दिया. महिला के पति ने इस मामले में राखी की मां-पिता और दो भाई व रिश्तेदार को आरोपी बनाया था. पुलिस के जेल भेजने  के डर से राखी की मां-पिता और रिश्तेदार फरार घूम रहे हैं, जबकि दोनों भाई अभी भी जेल में बंद हैं. 

भैया दूज पर अचानक बहन की वापसी

पुलिस एक साल से महिला की तलाश कर रही है, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल रहा था. दीपावली की भैया दूज रविवार को थी, उस दिन अचानक राखी अपने मायके में भाइयों को टीका करने पहुंच गई. इसकी सूचना जब पुलिस को मिली तो वो तुरंत जाकर महिला और बच्चों को थाने लेकर आई. 

मामले पर ADCP का बयान 

इस मामले में एडीसीपी बृजेंद्र द्विवेदी का बयान सामने आया है बताया कि एक साल पहले महिला अपने बच्चों के साथ घर से चली गई थी. इस मामले में पति ने उसके अपहरण का मुकदमा ससुराल वालों के खिलाफ लिखवाया था, जिसमें उसके दो भाई जेल में बंद हैं. महिला अपने बच्चों के साथ मिल गई है. इसको कोर्ट में पेश करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. पुलिस का कहना है कि महिला अपने पति की मारपीट से तंग आकर अपने बच्चों को लेकर चुपचाप निकल गई थी. 

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