Indian Railway: गर्मी की छुट्टियों में दूसरे राज्यों की ओर सफर करने वाले यात्रियों के लिए ट्रेन से यात्रा करना मुश्किल होता जा रहा है. कानपुर के एक यात्री ने 20 अप्रैल को मुंबई जाने के लिए पुष्पक एक्सप्रेस में टिकट बुक कराया, लेकिन स्लीपर श्रेणी में प्रतीक्षा सूची 100 देखकर वे मायूस हो गया. उसने कहा, 'अब तो कोई दूसरा साधन ही खोजना पड़ेगा.'
ऐसी स्थिति केवल पुष्पक एक्सप्रेस की नहीं है, बल्कि दिल्ली, बिहार, पूर्वांचल, बंगाल जैसे राज्यों की ओर जाने वाली ज्यादातर ट्रेनों में स्लीपर और एसी कोच में वेटिंग 37 से 187 तक पहुंच गई है. इससे यात्रियों को कन्फर्म टिकट न मिलने की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
यहां से हो रहा ट्रेनों का संचालन
रेलवे ने गर्मी की छुट्टियों को ध्यान में रखते हुए कानपुर सेंट्रल और गोविंदपुरी स्टेशन होते हुए 100 से अधिक विशेष ट्रेनों का संचालन किया है. ये ट्रेनें इटावा, फर्रुखाबाद और फतेहपुर जैसे जिलों से होकर गुजरेंगी, लेकिन इसके बावजूद नियमित ट्रेनों की वेटिंग कम नहीं हो रही है. अधिकतर सुपरफास्ट ट्रेनों जैसे वंदे भारत, शताब्दी और राजधानी में भी कन्फर्म टिकट मिलना मुश्किल हो गया है. वहीं, विशेष ट्रेनों में टिकटों की भारी मारामारी है. समय से नहीं चलने वाली ये ट्रेनें यात्रियों के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं, जिससे लोग इनसे सफर करने से हिचकते हैं.
वेटिंग टिकट के लिए हो वैकल्पिक व्यवस्था
सेंट्रल स्टेशन पर तत्काल टिकट के लिए पहुंचने वाले यात्रियों को भी खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. वहीं, कानपुर रेल यात्री समिति के अध्यक्ष दुर्गेश मिश्रा ने सुझाव दिया है कि रेलवे को वेटिंग टिकट वालों के लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जुर्माना लगाकर यात्रा से रोका जाना यात्रियों के साथ अन्याय है.
ट्रेन की देरी कर रही यात्रियों को परेशान
सेंट्रल स्टेशन के निदेशक आशुतोष सिंह ने बताया कि विशेष ट्रेनों के जरिए यात्रियों की परेशानी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है और जल्द ही स्थिति में सुधार की उम्मीद है. इस बीच ट्रेनों की लेटलतीफी ने भी यात्रियों को परेशान कर रखा है. शुक्रवार को उद्योग कर्मी एक्सप्रेस पांच घंटे देरी से पहुंची. लिच्छवी एक्सप्रेस, दरभंगा अमृत भारत एक्सप्रेस, चंपारण हमसफर, काशी महाकाल और कई अन्य ट्रेनें भी देर से आईं, जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.