पैगंबर मुहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी कर घिरे थे कमलेश तिवारी, फिर ये हुआ था उनके साथ
वर्ष 2015 में अपने मध्य चालीसवें वर्ष में रहे कमलेश तिवारी उस वक्त चर्चा में आए, जब उन्होंने पैगंबर मुहम्मद पर अत्यधिक विवादास्पद टिप्पणी की थी.
नई दिल्ली:
कमलेश तिवारी एक हिंदू संगठन के कम चर्चित नेता रहे, लेकिन हिंदू समाज पार्टी के नेता और हिंदू महासभा के पूर्व नेता कमलेश की यहां शुक्रवार को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. वर्ष 2015 में अपने मध्य चालीसवें वर्ष में रहे कमलेश उस वक्त चर्चा में आए, जब उन्होंने पैगंबर मुहम्मद पर अत्यधिक विवादास्पद टिप्पणी की थी. इस पर काफी विवाद हुआ और पूरे देश में इसको लेकर मुस्लिमों ने प्रदर्शन किया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर भड़काऊ टिप्पणियां भी पोस्ट की थीं.
यह भी पढ़ेंः अगर सीमा पार बैठे मास्टरमाइंड और आतंकियों ने कोई गलती की तो पूरी सजा मिलेगी, मुंबई में बोले पीएम मोदी
कमलेश तिवारी की टिप्पणी के बाद सहारनपुर और देवबंद विशेष रूप से उबाल पर थे, जिसके बाद सड़कों पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया गया और पुलिस को आक्रोश को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. यहां तक कि पुलिस और भीड़ के बीच हुई झड़प में एक पुलिस अधिकारी घायल हुआ और आक्रोश तिवारी की गिरफ्तारी के बाद ही शांत हो सका.
भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों के उद्देश्य से किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं व धार्मिक मान्यताओं का अपमान करना) के तहत उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया और उन्हें एक साल तक जेल में रहना पड़ा. 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उनके खिलाफ एनएसए रद्द कर दिया था. बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया.
यह भी पढ़ेंः हरियाणा में वोटरों से बोले सनी देओल- अगर वोट नहीं दिया तो ये ढाई किलो का हाथ...
कमलेश तिवारी अखिल भारतीय हिंदू महासभा के स्वयंभू अध्यक्ष थे और उनके इस दावे का कई बार महासभा ने विरोध किया था. आखिरकार 2017 में तिवारी ने हिंदू समाज पार्टी बनाई और हिंदू कट्टरपंथी के रूप में उभरने के लिए कई प्रयास किए. इसी क्रम में तिवारी ने सीतापुर में अपनी पैतृक जमीन पर नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान किया था, लेकिन वह कभी शुरू नहीं हो सका.
तिवारी ने 2012 में भी चुनावी राजनीति में उतरने का असफल प्रयास किया था. वह लखनऊ से विधानसभा चुनाव लड़े थे और हार गए थे. खबरों के मुताबिक, तिवारी से नाका के खुर्शीदबाग स्थित ऑफिस में दो लोग मिलने पहुंचे थे. ये दोनों मिठाई का डिब्बा लिए हुए थे, जिसमें चाकू और बंदूक थी. बताया जा रहा है कि दोनों ने कमलेश तिवारी से मुलाकात की. बातचीत के दौरान दोनों बदमाशों ने कमलेश के साथ चाय भी पी. इसके बाद उनकी हत्या कर फरार हो गए.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
400 साल पहले 2 फीट की थी मूर्ति, अब हो गई है 12 फीट ऊंची, जानें भूफोड़ हनुमान जी की रहस्यमयी कहानी
-
Aaj Ka Panchang 24 April 2024: क्या है 24 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Vastu Tips For Study: वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों की पढ़ाई के लिए ये दिशा है बेस्ट
-
Power of Sanatan Dharma: सनातन धर्म की शक्ति क्या है? जानें इसका इतिहास और महत्व