हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी (Kamlesh Tiwari) हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी. योगी सरकार ने इस हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करवाने का फैसला लिया है. योगी सरकार के मंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को कमलेश तिवारी के परिजनों से मुलाकात की. यहां उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास होगा कि दोषियों को छह महीने के अंदर कोर्ट से सजा मिल जाए. उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड के सभी दोषियों को जल्द से जल्द सजा होगी. उन्होंने कहा कि हम अदालत से अनुरोध करेंगे कि दोषियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो.
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फेसबुक से जुड़ा था संदिग्ध
हिंदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या का एक प्रमुख संदिग्ध उनसे एक फर्जी फेसबुक अकांउट के जरिए मित्र बना था. उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स सूत्रों के अनुसार, उनके गुजरात के समकक्षों ने पाया कि हमलावारों में से एक की पहचान अशफाक हुसैन के रूप में हुई है, उसने 'रोहित सोलंकी' के नाम से अकांउट बनाया और तिवारी से दोस्त बना.
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तिवारी ने सोलंकी से 18 अक्टूबर को मिलने की सहमति जताई थी. 18 अक्टूबर को तिवारी की हत्या हुई. हुसैन व मोइनुद्दीन पठान की मुख्य हमलावरों के रूप में पहचान की गई है. उनकी पहचान की पुष्टि जिस होटल में वे ठहरे थे उसके सीसीटीवी फुटेज के जरिए की गई है और पुलिस ने उनके कमरे से खून के धब्बों वाला कपड़ा व एक तौलिया बरामद किया है.
मां ने लगाए गंभीर आरोप
हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी (Kamlesh Tiwari) की मां कुसुमा देवी (Kusuma Devi) ने लखनऊ पुलिस पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर दिया है. उन्होंने कहा कि जितने पुलिसकर्मी आज हमारे साथ हैं उतने अगर मेरे बेटे के साथ होते तो वह जिंदा होता. उन्होंने योगी सरकार से कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर इंसाफ नहीं मिला तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो