पर्यावरणीय क्लीयरेंस न मिलने से ककरी कोल परियोजना बंद

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से क्लीयरेंस न मिलने के कारण ककरी कोल परियोजना बंद हो जाएगी. इसकी जानकारी मिलते ही पूरे परियोजना क्षेत्र में हलचल मच गई.

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से क्लीयरेंस न मिलने के कारण ककरी कोल परियोजना बंद हो जाएगी. इसकी जानकारी मिलते ही पूरे परियोजना क्षेत्र में हलचल मच गई.

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Yogendra Mishra
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पर्यावरणीय क्लीयरेंस न मिलने से ककरी कोल परियोजना बंद

प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से क्लीयरेंस न मिलने के कारण ककरी कोल परियोजना (Kakri Coal Project) बंद हो जाएगी. इसकी जानकारी मिलते ही पूरे परियोजना क्षेत्र में हलचल मच गई. 1989 में 30 साल के लिए कोयला खनन के लिए पर्यावरण स्वीकृति मिली थी. जिसकी अवधि रविवार को खत्म हो गई. पर्यावरणीय क्लीयरेंस नहीं मिलने पर परियोजना समेत कंपनी में हड़कंप मचा हुआ है. ककरी परियोजना में लगभग 750 कर्मी एवं 150 अधिकारी काम करते हैं. ककरी परियोजना को इस वित्तीय वर्ष में 2.1 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया था.

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इसका समय से परियोजना द्वारा लक्ष्य को पूरा किया जा रहा था. परियोजना द्वारा पर्यावरणीय क्लीयरेंस लेने के लिए अगस्त, 2017 से ही प्रयास किया जा रहा था लेकिन दो वर्षों से अधिक गुजर जाने के बाद भी पर्यावरण व वनविभाग द्वारा क्लीयरेंस जारी नहीं किया गया. जानकारी के मुताबिक ककरी परियोजना के क्लीयरेंस का फाइल लखनऊ शासन में लटकी हुई है.

सरकार का इस मुद्दे पर ध्यान न देने से परियोजना कर्मियों और क्षेत्रवासियों में रोष है. लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा एक ओर जहां कोयला उत्पादन के लिए जोर दिया जाता है. वहीं सरकार परियोजनाओं को लेकर आ रही परेशानी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती है. इसी उदासीनता के कारण ककरी परियोजना बंद होने की कगार पर पहुंच गई है.

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ककरी परियोजना के महाप्रबंधक एलपी गोडसे ने कहा कि दो सालों से पर्यावरणीय क्लीयरेंस लेने का प्रयास जारी था. अगर जरूरत पड़ी तो ककरी परियोजना में कार्यरत कर्मियों को उच्च प्रबंधन के निर्देश में अन्य परियोजनाओं में तब तक के लिए भेजा जाएगा जब तक ककरी खदान फिर से शुरु न हो जाए.

Source : News Nation Bureau

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