Hathras Stampede: न्यायिक आयोग ने दाखिल की हाथरस भगदड़ मामले की रिपोर्ट, भोले बाबा को दी क्लीन चिट- सूत्र

Hathras Stampede: यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्यंग के दौरान मची भगदड़ मामले की न्यायिक जांच पूरी हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट में भोले बाबा को क्लीन चिट मिल गई है. बजट सत्र में इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जा सकता है.

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Suhel Khan
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Hathras Stampede File Photo

हाथरस भगदड़ मामले में न्यायिक आयोग ने दाखिल रिपोर्ट Photograph: (File Photo)

Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथसर में पिछले साल भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ मामले की न्यायिक जांच पूरी हो गई है. इसके साथ ही आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है. गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में इस जांच रिपोर्ट को रखा गया. कैबिनेट ने भी इस रिपोर्ट को सदन में रखने की मंजूरी दे दी है. ऐसा माना जा रहा है कि बजट सत्र में इस जांच रिपोर्ट को सदन में पेश किया जा सकता है.

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सूत्रों की मानें तो, न्यायिक आयोग की इस रिपोर्ट में साकार नारायण विश्व हरि 'भोले बाबा' को क्लीन चिट दे दी गई है. वहीं इस घटना में षड्यंत्र के पहलू पर स्थिति साफ नहीं है. बता दें कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हाथरस में हुई घटना की जांच के लिए पिछले साल ही 3 जुलाई को तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया था.

जानें क्या है पूरा मामला

बता दें कि 2 जुलाई 2024 को हाथरस जिले के फुलरई-मुगलगढ़ी गांव में साकार नारायण विश्व हरि 'भोले बाबा' के सत्संग का आयोजन हुआ था. सत्संग खत्म होने के बाद जब भोले बाबा कार्यक्रम स्थल से जाने लगे तभी वहां भगदड़ मच गई. इस घटना में 121 लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई लोग घायल भी हुए हैं. घटना के बाद सीएम योगी खुद हाथरस पहुंचे थे और घायलों से मुलाकात की थी. साथ ही घटनास्थल का भी दौरा किया था. इस घटना की जांच के लिए सीएम योगी के निर्देश पर तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया था. जिसने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी.

न्यायिक आयोग में ये लोग थे शामिल

हाथरस भगदड़ मामले की जांच करने के लिए बनाए गए न्यायिक आयोग में तीन लोग शामिल थे. इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) की अध्यक्षता में गठित न्यायिक जांच आयोग में पूर्व आइएएस हेमन्त राव और पूर्व आइपीएस भवेश कुमार सिंह को शामिल किया गया था. जांच के लिए आयोग को दो महीने का समय दिया गया था. हालांकि बाद में इस जांच की अवधि को बढ़ा दिया गया था.

आयोग ने इन ब‍िंदुओं पर की जांच

न्यायिक आयोग ने जिन बिंदुओं पर अपनी जांच की उनमें कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रदान की गई अनुमति तथा उसकी शर्तों का आयोजकों ने कितना पालन किया. जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा कार्यक्रम के दौरान भीड़ नियंत्रण तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्या उपाय किए गए. इसके अलावा घटना के पीछे कोई सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र जैसे बिंदुओं पर जांच की गई.

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