झांसी मेडिकल कॉलेज आगजनी मामले में एक्शन! जांच कमेटी का हुआ गठन

Jhansi Medical College: सीएम ने बताया कि जांच मे जो भी दोषी सामने आएगा, उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे. वहीं, उन्होंने आगे कहा कि इलाजरत बच्चों को वर्ल्ड क्लास मेडिकल सुविधा दी जाएगी.

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Yashodhan.Sharma
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उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में आगजनी के मामले में अब जांच कमेटी का गठन किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक्स पर पोस्ट में कहा है कि इस दुखद हादसे की जांच तीन स्तरीय कमेटी करेगी. सीएम ने बताया कि जांच मे जो भी दोषी सामने आएगा, उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे. वहीं, उन्होंने आगे कहा कि इलाजरत बच्चों को वर्ल्ड क्लास मेडिकल सुविधा दी जाएगी.

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12 घंटे के अंदर सौंपनी होगी रिपोर्ट

झांसी के अस्पताल आग लगने के बाद सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि कमिश्नर और डीआईजी और स्थानीय पुलिस मामले की जांच कर 12 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपी जाए. उन्होंने बताया कि इस ⁠मामले की मजिस्ट्रेट इंक्वायरी भी की जाएगी. वहीं, स्वास्थ्य विभाग भी इस मामले की जांच में जुटा है.

बड़ी लापरवाही ने 10 बच्चों की ली जान

बता दें कि बीते शुक्रवार को झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड में  भयानक आग लग गई थी, जिसकी चपेट में आने से 10 बच्चों की मौत हो गई थी. इसके अलावा 16 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. पहले ये कयास लगाया जा रहा था कि शॉर्ट सर्किट के कारण यह हादसा हुआ था, अब एक और बात सामने आ रही है, इसमें एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि एक नर्स ने ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को जोड़ने को लेकर माचिस की तीली जलाई और जैसे ही माचिस की तीली जली, पूरे वार्ड में आग लग गई.

दरअसल, एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हमीरपुर के निवासी भगवान दास नाम का एक शख्स यहां पर मौजूद था. इनके बेटे का बेटा मेडिकल कॉलेज में भर्ती था.  उसका कहना है कि बच्चों के वार्ड में ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए नर्स ने माचिस की तीली जलाई. जैसे ही तीली जलाई पूरे वार्ड में आग लग गई. आग के लगते ही भगवान दास ने अपने गले में पड़े कपड़े से 3 से 4 बच्चों को लपेटकर बचा लिया. बाकी अन्य की मदद से कुछ और बच्चों को बचाया गया.

एक्सपायर हो चुका था सिलेंडर

वहीं हैरानी बात यह है कि आग बुझाने वाला सिलेंडर एक्सपायर हो चुका था. इसके साथ न ही फायर अलार्म बजा. आग बुझाने वाले सिलेंडर पर 2019 की फिलिंग डेट लिखी है. यह 2020 में एक्सपायर हो गए. इस अर्थ ये कि अस्पताल का प्रशासन पूरी तरह से लापरवाह था. उसने आग बुझाने वाले सिलेंडर को चेक ही नहीं किया कि वह काम कर रहे हैं या नहीं. 

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