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अयोध्या विवाद पर जमीयत उलमा-ए-हिन्द ने तोड़ी चुप्पी, दिया ये बड़ा बयान

अयोध्या मामले में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले किसी प्रकार का माहौल खराब न हो, इसे लेकर मुस्लिम धर्मगुरु और मौलाना लोगों से शांति और अमन की अपील कर रहे हैं.

Updated on: 03 Nov 2019, 11:40 PM

सहारनपुर:

अयोध्या मामले में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले किसी प्रकार का माहौल खराब न हो, इसे लेकर मुस्लिम धर्मगुरु और मौलाना लोगों से शांति और अमन की अपील कर रहे हैं. साथ ही सभी ने एक सुर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने का सभी से आग्रह किया है. इस्लामिक संस्था जमीयत उलमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी लोगों से अयोध्या विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करने की अपील की है. मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि फैसला हमारे पक्ष में हो या विपक्ष में हमें मान्य होगा. उन्होंने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिन्द सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करेगी. 

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के देवबंद में हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करते हुए मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा-ए-हिन्द ने रविवार को दिवाली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान कार्यक्रम में बीजेपी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के तमाम नेताओं के साथ स्थानीय नेताओं ने भी शिरकत की. इस मौके पर जमीयत उलमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सभी लोगों को दिवाली की बधाई देते हुए कहा कि हम लोगों को आपसी भाईचारे के साथ रहना चाहिए.

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मौलाना अरशद मदनी ने अयोध्या मसले पर बोलते हुए कहा कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमें मान्य होगा. वह फैसला चाहे मंदिर के पक्ष में आए या मस्जिद के पक्ष में हम फैसले का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि देश हमारा है, कानून हमारा है और कोर्ट भी हमारा है. ऐसे में कोर्ट के फैसले को मानना हम सब की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि जो लोग इस फैसले को न मानकर झगड़ा करेंगे वह अपनी कौम और अपने देश को नुकसान पहुंचाने का काम करेंगे. जमीयत उलमा-ए-हिन्द ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करती है.

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