जालौन: 164 साल पुरानी है यहां की रामलीला, सड़क पर होता है रावण और जटायू का युद्द
यूं तो रामलीला मंच पर की जाती है लेकिन जालौन में ये मैदान में होती है। ये रामलीला कोंचनगर इलाके में होती है जो सड़कों पर, मैदानों और खेतों-खलिहानों में भी होती है।
नई दिल्ली:
दशहरा करीब है और पूरे देश में रामलीला का मंचन जारी है। उत्तर प्रदेश इसमें सबसे अव्वल है। यूं तो रामलीला मंच पर की जाती है लेकिन जालौन में ये मैदान में होती है। ये रामलीला कोंचनगर इलाके में होती है जो सड़कों पर, मैदानों और खेतों-खलिहानों में भी होती है। हर साल की तरह इस साल भी यहां रामलीला देखने के लिए बीस हजार से ज्यादा दर्शकों की भीड़ इकट्ठा होती है। इस बार लंकापति रावण और गिद्धराज जटायु का संग्राम लोगों को खूब पसंद आया। रामलीला का ये अद्भुत मंचन बीच सड़क पर हुआ ना कि किसी मंच पर।
आयोजकों का दावा है कि ये रामलीला 164 साल पुरानी है। राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के किरदार यहां सब मिलकर निभाते हैं। उत्तर प्रदेश में ऐसी ना जाने कितनी ही परंपराएं आज भी ज़िंदा हैं, जो सबका मनमोह लेती हैं ये त्यौहार ही हैं जो हमारे देश की संस्कृति को और जीवंत रखती हैं।
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