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interest free loan Photograph: (social media)
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार महिला समूहों को सशक्त बनाने की दिशा में एक नई पहल करने जा रही है. प्रदेश सरकार अब पात्र महिला समूहों को 20 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण देने का फैसला कर सकती है. सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अनुसार कैबिनेट में जल्द ही इस संबंध में प्रस्ताव लाया जाएगा.
50,000 से ज्यादा महिला स्वयं सहायता समूह
इस योजना के तहत बागवानी औऱ छोटे उद्योगों के लिए महिला समूहों को 20 लाख तक ब्याजमुक्त ऋण दिया जाएगा. इस ऋण की मदद से महिला समूह अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकती हैं. बताया जाता है कि उत्तराखंड में 50,000 से ज्यादा महिला स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं. ब्याजमुक्त ऋण का इस्तेमाल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया जा सकेगा. आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने पर ऐसी महिलाओं को समाज में एक ऊंचा मुकाम हासिल हो सकेगा और उनका सम्मान बढ़ेगा. इस ऋण से फूलों की खेती, बागवानी व छोटे उद्योगों में कार्यरत महिलाओं को काफी लाभ होगा.
'लखपति दीदी योजना' की तरह ही इस योजना से भी ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की आमदनी में बढ़ोतरी की जा सकेगी. इस धनराशि का इस्तेमाल महिला समूह से जुड़ी महिलाओं में कौशल का विकास करने, उन्हें वित्तीय रूप से साक्षर बनाने और उनमें उद्यमशीलता का विकास करने के काम में किया जाएगा. इससे महिलाएं साहूकारों के शोषण का शिकार बनने से बच सकेंगी और अपने कौशल का इस्तेमाल करके व्यावसायिक दुनिया में अपना उच्च स्थान बना सकेंगी.
5 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया जा रहा
फिलहाल ऐसे महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया जा रहा है. पशुपालन, मशरूम की खेती औऱ मधुमक्खी पालन के लिए व्यक्तिगत महिला लाभार्थियों को भी 3 लाख तक का ऋण दिया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार 10 हजार से ज्यादा महिलाएं वर्तमान योजनाओं से लाभान्वित हुई हैं. इसके अतिरिक्त करीब 6 हजार स्वयं सहायता समूहों को भी पांच-पांच लाख रुपए तक के ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराए गए हैं. ऐसे जिन समूहों ने समय पर अपना ऋण चुका दिया है औऱ ऋण का इस्तेमाल करके बेहतरीन प्रदर्शन किया है, उन्हें अब 10 से 20 लाख रुपए तक का ब्याजमुक्त ऋण देने की बात की जा रही है.