योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'गंगा हमारी मां, इसका अपमान राष्ट्रद्रोह'
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा सनातन धर्म का प्रतीक और हम सबकी मां है। इसका अपमान राष्ट्रद्रोह के समान है।
highlights
- वाराणसी में स्वस्छ गंगा सम्मेलन में योगी ने कहा, गंगा का अपमान राष्ट्रद्रोह के समान है
- योगी आदित्यनाथ ने कहा, गंगा सनातन धर्म का प्रतीक और हम सबकी मां है
- योगी ने कहा, गंगा और यमुना में जरा भी संकट आया तो उत्तर प्रदेश रेगिस्तान हो जाएगा
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में आयोजित 'स्वच्छ गंगा सम्मेलन' में कहा कि गंगा सनातन धर्म का प्रतीक और हम सबकी मां है। इसका अपमान राष्ट्रद्रोह के समान है।
योगी ने कहा कि गंगा का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा, 'गंगा और यमुना नदी को तो उत्तर प्रदेश की जीवनदायिनी माना जाता है। यदि इन दोनों नदियों में जरा भी संकट आया तो उत्तर प्रदेश रेगिस्तान हो जाएगा। गंगा में पूजा का सामान डालकर इसे प्रदूषित न करें, बल्कि गंगा किनारे कुंड बनाकर उसमें पूजा करें।'
बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में सभी नदियों की हालत बेहद खराब है। गंगा तथा यमुना नदी को तो उत्तर प्रदेश की जीवनदायिनी माना जाता है। यमुना नदी दिल्ली, आगरा तथा मथुरा में बेहद गंदी है। यदि उत्तर प्रदेश में गंगा तथा यमुना नदी पर जरा भी संकट आया तो उत्तर प्रदेश रेगिस्तान हो जाएगा।'
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उन्होंने कहा, 'प्रदेश में जल दोहन का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। हमको नदियों की हर हाल में रक्षा करनी होगी। इसके प्रयास में सौ फीसदी ईमानदार रहना होगा।'
मुख्यमंत्री ने कहा, '1985 में गंगा एक्शन प्लान लाया गया, लेकिन तमाम रिपोर्ट बताती हैं कि इस प्लान के बाद गंगा और भी ज्यादा मैली हुई है। उप्र पूरे देश का पेट भरने की क्षमता रखता है। इसके लिए पहले हमको नदियों की रक्षा करनी होगी। हम गंगा व यमुना के किनारे वृक्ष लगाकर तटबंधों की रक्षा कर पाएंगे।'
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योगी ने कहा, 'गंगा नदी निर्मलीकरण योजना को धरातल पर लाएं। आप सभी पर सबसे बड़ा दायित्य है। हम लोग नदियों में गंदगी फेंकने के साथ ही पैसे भी फेंकते हैं। पैसा गरीबों को दें, इसको गंगा या अन्य नदी में न डालें। गंगा में पूजा का सामान डालकर इसे प्रदूषित न करें, बल्कि गंगा किनारे कुंड बनाकर उसमें पूजा करें।'
वाराणसी में 'स्वच्छ गंगा सम्मेलन' में 1100 से ज्यादा ग्रामों के प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी भाग ले रहे हैं।
(इनपुट IANS से भी)
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