योगी राज के 6 साल में हुए 10,000 पुलिस एनकाउंटर, इनमें से 30 फीसदी मेरठ जोन में
मुठभेड़ों की संख्या के मामले में मेरठ जोन 2017 के बाद से सबसे अधिक 3,152 मुठभेड़ों के साथ राज्य में शीर्ष पर है, जहां 63 अपराधी मारे गए और 1,708 अपराधी घायल हुए.
highlights
- 20 मार्च 2017 से 6 मार्च 2023 के बीच मुठभेड़ों में 23,069 बदमाश गिरफ्तार
- इसी अवधि में 13 पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई, 1,424 हुए गोली से घायल
लखनऊ:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के पिछले छह वर्षों में उत्तर प्रदेश में अपराधियों की 10,000 से अधिक पुलिस मुठभेड़ हुई हैं. इन मुठभेड़ों में 178 सूचीबद्ध अपराधियों को जवाबी कार्रवाई में मार गिराया गया. उनमें से ज्यादातर की गिरफ्तारी पर 75,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का नकद इनाम था. एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि मुठभेड़ों की संख्या के मामले में मेरठ जोन 2017 के बाद से सबसे अधिक 3,152 मुठभेड़ों के साथ राज्य में शीर्ष पर है, जहां 63 अपराधी मारे गए और 1,708 अपराधी घायल हुए. इन मुठभेड़ों में 4,911 अपराधी घायल हुए. इसी अवधि में 13 पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई, जबकि अन्य 1,424 पुलिसकर्मियों को गोलियां लगीं.
छह सालों में 23,069 बदमाश गिरफ्तार
राज्य भर में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 20 मार्च 2017 और 6 मार्च 2023 के बीच हुई मुठभेड़ों में 23,069 बदमाशों को गिरफ्तार किया. इन मुठभेड़ों में 4,911 अपराधी घायल हुए. इसी अवधि में 13 पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई, जबकि अन्य 1,424 पुलिसकर्मियों को गोलियां लगीं. पांच लाख रुपये के नकद इनाम वाले दो अपराधी, ढाई लाख रुपये के चार, दो लाख रुपये के दो, डेढ़ लाख रुपये के छह और एक लाख रुपये के नकद इनाम वाले 27 अपराधियों के साथ ही कई अन्य पर 75 हजार रुपये का इनाम है, जिन्हें पिछले छह वर्षों में पुलिस द्वारा गोली मार दी गई.
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कानून-व्यवस्था को बना रखा है पहली प्राथमिकता
योगी आदित्यनाथ ने राज्य की बागडोर संभालते ही राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार करना पहली प्राथमिकता बताई थी. उनकी सरकार ने माफिया और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई और राज्य की कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ऐसे तत्वों पर कार्रवाई तेज कर दी. गौरतलब है कि जीआईएस-23 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिग्गज नेताओं और निवेशकों ने यूपी की कानून व्यवस्था की तारीफ की थी. यूपी पुलिस ने अपराध पर अंकुश लगाने और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से काम किया और मुठभेड़ सबसे बड़ी रणनीति थी, जिससे अपराधियों में डर पैदा हो गया, जिसके बाद वे राज्य से भागने लगे.
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