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लखनऊ पोस्टर: यूपी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका, सुनवाई कल

पोस्टर मामले में यूपी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका, सुनवाई कल

Updated on: 11 Mar 2020, 05:45 PM

नई दिल्ली:

राजधानी लखनऊ में लगे हिंसा के आरोपियों के पोस्टर का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बुधवार को यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के पोस्टर हटाने के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की. इस याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. अब गुरुवार को सुबह 10:30 बजे यूपी सरकार की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.

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दरअसल, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ 19 दिसंबर 2020 को लखनऊ के कई इलाकों में हिंसा हुई थी. इस दौरान हुई तोड़फोड़ और आगजनी से काफी नुकसान हुआ था. जिसके बाद राज्य सरकार ने दंगाइयों ने नुकसान की भरपाई करने का आदेश दिया था. इसमें कथित रूप से शामिल रहे 57 लोगों के नाम उनके पते साथ पोस्टर में लिखवा कर शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर लगाए गए थे. यह सभी आरोपी लखनऊ के हसनगंज, हजरतगंज, कैसरबाग और ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के हैं. पहले ही प्रशासन ने 1.55 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए इनको वसूली के नोटिस जारी किए थे.

राजधानी में करीब 100 जगहों पर लगे आरोपियों के होर्डिंग के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. कोर्ट ने लखनऊ के डीएम और कमिश्नर को तलब किया था. इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुए सोमवार को इलाहबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लखनऊ हिंसा के 57 आरोपियों का पोस्टर हटाने का आदेश दिया था. साथ ही कोर्ट ने 16 मार्च तक रजिस्ट्रार जनरल को एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था. मगर हाईकोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार नाखुश दिखी.

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राज्य की बीजेपी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन किया और पीछे नहीं हटने का फैसला लिया. इसके बाद आज राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख 12 मार्च निर्धारित की है. अब देखने वाली बात यह है कि देश के सर्वोच्च न्यायाृलय उस मुद्दे पर क्या फैसला सुनाती है.