logo-image

धर्मांतरण मामले में स्कूल की महिला टीचर ने किया नया खुलासा

महिला टीचर के मुताबिक वर्ष 2020 में 20 से 25 मौलानाओं के साथ स्कूल में आया था उमर गौतम महिला टीचर ने बताया कि स्कूल आये मौलानाओं ने धर्म परिवर्तन करने का बनाया था दबाव.

Updated on: 24 Jun 2021, 04:54 PM

highlights

  • वर्ष 2020 में 20 से 25 मौलानाओं के साथ उमर गौतम नुरुल हुदा स्कूल में आया था
  • महिला टीचर को मौलानाओं ने धर्म परिवर्तन करने दबाव बनाया था
  • स्कूल में पढने वाले हिन्दू बच्चों को उर्दू व अरबी पढ़ाया जाता था

फतेहपुर:

धर्मान्तरण मामले में एक नया खुलासा सामने आया है, ताजा मामला यूपी के फतेहपुर जिले का है जहाँ धर्मान्तरण मामले में आरोपी उमर गौतम उर्फ़ श्याम प्रताप गौतम जो की जिले के थरियांव थाना क्षेत्र के पंथुवा गाँव का रहने वाला था जो 1979 में जिला छोड़कर नैनीताल के पंतनगर चला गया था जिसके बाद वह वही दिल्ली चला गया , जहां उसने अपना धर्म परिवर्तन कर इस्लाम धर्म कबूल कर लिया और हजारों लोगों का पैसे का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करा दिया. वही उसका जिले में लगातार आना जाना था और शहर के एक नामचीन स्कूल नुरुल हुदा में भी उसका आना जाना लगा रहता था, उसी स्कूल में काम करने वाली महिला टीचर ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया की वर्ष 2020 में 20 से 25 मौलानाओं के साथ उमर गौतम स्कूल में आया था और महिला टीचर को मौलानाओं ने धर्म परिवर्तन करने दबाव बनाया था. 

यह भी पढ़ेः इस्लामिक दावा सेंटर की आड़ में चलता था धर्मांतरण का खेल, उमर गौतम ने किए ये खुलासे

फतेहपुर जिले की शहर स्थित बाकरगंज मोहल्ले की रहने वाली महिला टीचर कल्पना सिंह ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया की शहर के एक नामचीन स्कूल नुरुल हुदा में भी उसका आना जाना था और उसी स्कूल में काम करने वाली महिला टीचर ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया की वर्ष 2020 में 20 से 25 मौलानाओं के साथ उमर गौतम स्कूल में आया था और महिला टीचर को मौलानाओं ने धर्म परिवर्तन करने दबाव बनाया था और स्कूल में पढने वाले हिन्दू बच्चों को उर्दू व अरबी पढ़ाया जाता था जिसका मेरे द्वारा विरोध किये जाने पर मुझे स्कूल से बाहर निकाल दिया गया, जिसके बाद मैने जिले के सदर कोतवाली में तहरीर देकर सुसंगत धाराओं में स्कूल के प्रबंधक शरीफ मौलाना व उसके पुत्र उमर शरीफ के खिलाफ धारा 406,504,506 के तहत मुकदमा दर्ज कराया लेकिन पुलिस ने इस मामले में एफआर लगा दिया, पुलिस ने स्कूल प्रबंधतंत्र से कोई पूछताछ नहीं की और मामले को ठन्डे बस्ते में दाल दिया.