अयोध्या मामले में फैसला आने के बाद अब यह मामला दोबारा सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर पहुंच चुका है. इस मामले में मुस्लिम पक्ष द्वारा पुनर्विचार याचिका दाखिल किए जाने के फैसले के बाद अब हिंदू महासभा ने भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका याचिका दाखिल किए जाने का फैसला लिया है. हिंदू महासभा सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ़ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन दिए जाने का विरोध करेगी.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने अयोध्या मामले में कुल छह पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल किए जाने का फैसला किया. इनमें से चार पुनर्विचार याचिका शुक्रवार और दो शनिवार को दाखिल की जाएंगी. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सचिव जफरयाब जिलानी ने बताया कि इन पुनर्विचार याचिका के लिए सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील राजीव धवन जिरह करेंगे. सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से मिसबाहुद्दीन, मौलाना हसबुल्ला, हाजी महबूब और रिजवान अहमद द्वारा पुनर्विचार याचिकाएं दायर की जाएंगी.
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जमीयत उलमा-ए-हिन्द ने दाखिल की पुनर्विचार याचिका
जफरयाब जिलानी ने बताया कि ये याचिकाएं महफूजुर्रहमान, मिसबाहुद्दीन, हाजी महबूब, मोहम्मद उमर, हाजी असद, उनके भाई रिजवान और मौलाना हसबुल्ला की तरफ से दाखिल होंगी. इनमें से असद और रिजवान संयुक्त रूप से याचिका दाखिल करेंगे और जमीयत द्वारा दाखिल याचिका को भी मिला लें तो कुल सात याचिकाएं दाखिल की जाएंगी. जिलानी ने बताया कि इससे पहले जमीयत उलमा-ए-हिन्द की तरफ से मौलाना अशहद रशीदी पहले ही पुनर्विचार याचिका दाखिल कर चुके हैं.
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मालूम हो कि एआईएमपीएलबी ने अयोध्या मामले में गत 9 नवंबर को दिए गए निर्णय को विरोधाभासी बताते हुए इस पर पुनर्विचार की याचिका दाखिल कराने का फैसला किया था. न्यायालय ने 9 नवम्बर के फैसले में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में किसी अन्य स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो